कोरोना इफेक्ट : जामनेर मे चार दिन तक संचारबंदी
जामनेर (नरेंद्र इंगले): कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने जलगांव शहर के साथ तहसीलो के शहरो मे जनता कर्फ्यू को लागू करने का आदेश दिया है . आज जामनेर तहसिल कार्यालय मे आयोजित प्रशासनिक बैठक मे यह फैसला किया गया कि 16 मार्च से 19 मार्च 2021 इन चार दिनो के लिए संचारबंदी तथा तालाबंदी घोषित की गई है . इस दौरान सुबह और शाम 6 से 9 के बीच दूध डेयरी , मेडिकल्स खुले रहेंगे . अस्पतालो को इस बंद मे छूट दी गई है . मीटिंग मे विधायक गिरीश महाजन , तहसीलदार अरुण शेवाले , पुलिस निरीक्षक प्रताप इंगले , निगम मुख्याधिकारी सरकारी अस्पताल के प्रमुख डॉ विनय सोनावणे , जिला परिषद स्वास्थ विभाग के डॉ राजेश सोनावणे , NCP ब्लाक अध्यक्ष किशोर पाटील , व्यापारी असोसिएशन के सदस्य उपस्थित रहे . बैठक के बाद तेजसमाचार ने उपजिला अस्पताल के प्रमुख डॉ विनय सोनावणे से बात की उन्होने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन को ब्रेक करने के लिए कर्फ्यू की काफी मदत होगी . नगर परिषद के सहयोग से कोरोना के लक्षणो से पीड़ित लोगो की टेस्टिंग का काम लगातार जारी है जो कर्फ्यू के दौरान अधिक गतिमान किया जाएगा . को वैक्सीन के लिए पंजीकरण प्रक्रिया और टीकाकरण मे तेजी लायी जा रही है . ग्रामीण इलाको मे कोरोना उन्मूलन मुहिम की जानकारी देते हुए TMO डॉ राजेश सोनावणे ने कहा कि ग्रामीण इलाको मे जिला स्वास्थ अधिकारी जिला परिषद जलगांव इनके मार्गदर्शन मे TMO ऑफिस जामनेर की ओर से टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है . हमारे स्वास्थ कर्मी घर घर जाकर कोरोना से बचाव के पक्ष मे जागरूकता अभियान चला रहे है . कोरोना संक्रमण की चेन को खंडित करना हमारा लक्ष्य है . बैठक मे इस बात पर जोर दिया गया कि तालाबंदी के चार दिनो मे शहर के विभिन्न वार्डो मे मेडिकल कैम्प लगाकर टेस्टिंग की ग्रोथ को कैसे बढ़ाया जा सकता है . विदित हो कि कोरोना संक्रमण के टॉप 10 सिटीज मे जलगांव जिला भी शामिल है .
किसान संघ मे सरकारी चना खरीद केंद्र कार्यान्वित – हमेशा की तरह इस साल भी विधायक महाजन के हाथो किसान संघ मे रबी फसलो के खरीद केंद्र का शुभारंभ किया गया . राज्य सरकार की ओर से चने को प्रति क्विंटल 5100 रु दर घोषित किया गया है . रबी , खरीफ की फसले कटने के बाद उपज मंडी हो या फिर किसान संघ इन संस्थाओ मे विधायक गिरीश महाजन के करकमलो से कृषि उपज खरीद केंद्रो को कार्यान्वित करने की महान परंपरा को आज भी कायम रखा गया है . इन संस्थाओ द्वारा प्रेस विज्ञप्ति या ब्रीफिंग के माध्यम से सरकारी नीतियो को किसानो तक पहुचने की सुविधा का लाभ उठाया नही जाता . इसलिए विधायक के हाथो उपज केंद्रो के आरंभ से जुड़ी थोड़ी जानकारी मीडिया मे प्रकाशित खबरो के सहारे किसानो को मिल जाती है .