मुंबई (तेज समाचार डेस्क). एक ओर जहां कोरोना काल के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन में अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों और आम जनता की सेवा करनेवाले कोरोना योद्धाओं को इज्जत से नवाजा जा रहा हैं, वहीं कुछ घटनाएं मानवता को शर्मसार कर देनेवाली सामने आ रही है. इनमें विशेष रूप से अस्पतालों में काम करनेवाले डॉक्टर्स, नर्स, वॉर्ड बॉय जैसे अति महत्वपूर्ण सेवा में जुटे कोरोना योद्धा शामिल है. अनेक डॉक्टर्स और नर्स को अपने पड़ोसियों द्वारा किए जा रहे व्यवहार से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
– ट्वीट कर बयां की व्यथा
जेजे अस्पताल में काम करने वाली नर्स पल्लवी वाघले ने ट्वीट के माध्यम से शिकायत की है कि जब भी वह हॉस्पिटल के लिए निकलती हैं, उनके पड़ोसी उन पर तंज कसते हैं और कई बार गालियां तक देते हैं. उनका बच्चा पड़ोसियों के घर में न जाए, इसके लिए उसे पीटते भी हैं. इसी तरह, एक अन्य अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर रोहन सालुंके ने बताया, ‘हमारी बिल्डिंग और पास की बिल्डिंग के लोगों ने सोसाइटी के सामने बैरिकेडिंग कर रखी थी, ताकि न कोई बाहर जा सके और न ही अंदर आ सके.’
– मनोबल बढ़ाने के प्रयासों को ठेंगा
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत दिनों अस्पतालों में कोरोना मरीजों की सेवा करनेवाले डॉक्टर्स, नर्स सहित पुलिसकर्मचारियों, पत्रकारों आदि सहित ऐसे सभी लोगों जो जनता की सेवा में जुटे हैं, के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए ताली-थाली बजाने और दीप जला कर उनके प्रति आभार व्यक्त करने की अपील की थी, जिसे पूरे देश से काफी अच्छा प्रतिसाद भी मिला.
– शून्य होती जा रही संवेदनाएंं
इन कोरोना योद्धाओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए नितनए उपाय भी किए जा रहे हैं, लेकिन इन योद्धाओं के पड़ोसियों द्वारा या मकानमालिक द्वारा किए जा रहे व्यवहार के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि, इस संकट काल में लोग स्वयं के प्रति तो मदद चाहते हैं, लेकिन दूसरों के प्रति इनकी संवेदनाएं शून्य है और ये लोग मानव कहलाने का हक खोते जा रहे हैं.