• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

कोरोन के कारण गरीबी-भुखमरी की कगार पर कमजोर देश, शिक्षा क्षेत्र की चौपट होेने की राह पर

Tez Samachar by Tez Samachar
September 11, 2020
in Featured, दुनिया
0
कोरोन के कारण गरीबी-भुखमरी की कगार पर कमजोर देश, शिक्षा क्षेत्र की चौपट होेने की राह पर
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थ व्यवस्थ को तहत नहस कर दिया है. विश्व के सभी देश अपनी अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे विश्व में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के टॉप अधिकारियों ने सचेत किया है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने भेदभाव और अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों को बढ़ा दिया है, जिससे संघर्ष और बढ़ सकते हैं। दुनिया के सबसे कमजोर देशों में इनके अप्रत्यक्ष परिणाम वायरस के प्रभाव से भी अधिक हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक प्रमुख रोजमैरी डिकार्लो और संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने महामारी के कारण दुनियाभर में पड़ने वाले असर की गंभीर समस्या के बारे में बात की। लोकॉक ने परिषद को सचेत किया कि कमजोर देशों में कोविड-19 संकट की वजह से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले अप्रत्यक्ष प्रभावों के कारण “गरीबी बढ़ेगी, औसत आयु कम होगी, भुखमरी बढ़ेगी, शिक्षा की स्थिति खराब होगी और अधिक बच्चों की मौत होगी। “
इस वैश्विक महामारी के कारण दुनिया भर में 8,60,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और दो करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। संक्रमण के लगभग एक तिहाई मामले मानवतावादी या शरणार्थी संकटों से जूझ रहे देशों या कमजोर देशों में सामने आए हैं, लेकिन ये देश महामारी से असल में कितने प्रभावित हैं, इस बात का अभी पता नहीं चल पाया है।लोकॉक
लोकॉक ने कहा कि इसका कारण यह है कि इन देशों में जांच कम हो रही है, कुछ स्थानों पर लोग मदद नहीं मांगना चाहते, क्योंकि उन्हें शायद पृथक-वास में रहने की आशंका है या उन्हें इस बात का डर है कि उन्हें उपयोगी चिकित्सकीय उपचार नहीं मिलेगा, एक अच्छा समाचार यह है कि इन देशों में कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या आशंका से कम है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव कहीं अधिक हैं।
Previous Post

मुंबई-नाशिक में फिर हिली धरती, महसूस किए गए कम तीव्रता के भूकंप के झटके

Next Post

जेल में ही रहेगी रिया चक्रवर्ती ; सभी आरोपियों की जमानत याचिका हुई खारिज

Next Post
जेल में ही रहेगी रिया चक्रवर्ती ; सभी आरोपियों की जमानत याचिका हुई खारिज

जेल में ही रहेगी रिया चक्रवर्ती ; सभी आरोपियों की जमानत याचिका हुई खारिज

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.