नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क):कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था का आकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.6 फीसदी घट जाएगा। आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह लगातार दो तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट के साथ देश पहली बार मंदी के चक्र में फंस गया है। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी।
सरकार ने दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन केंद्रीय बैंक के शोधकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी का आकार 8.6 फीसदी तक घट जाएगा। इससे पहले आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था।
केंद्रीय बैंक के शोधकर्ता एवं मौद्रिक नीति विभाग के पंकज कुमार की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत तकनीक रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में फंस गया है।
‘आर्थिक कामकाज सूचकांक’ शीर्षक वाले रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन का अनुमान है। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं, जिससे जीडीपी में गिरावट की दर घट रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।
मूडीज ने आर्थिक वृद्धि दर अनुमान बढ़ाकर
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर (-)8.9 फीसदी कर दिया है। पहले (-)9.6 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान जताया गया था। रेटिंग एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अपने अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया है।
मूडीज ने भारत के अनुमान को बढ़ाते हुए कहा कि संक्रमण के नए मामले में गिरावट से देश में आवागमन के प्रतिबंधों को कम किया जा रहा है। यही कारण है कि आने वाली तिमाहियो में आर्थिक गतिविधियों में और भी तेजी आने की उम्मीद है।