रायपुर (तेज समाचार प्रतिनिधि). 24 अप्रैल का दिन पूरे देश के लिए काला दिन रहा. बीते सोमवार को सुकमा में कायर नक्सलियों द्वारा घात लगा कर किए गए हमले में हमारे देश के 26 जांबाज जवान शहीद हो गए थे. लेकिन जैसा कि एक घायल जवान शेर मोहम्मद ने कहा था कि उसने कई नक्सलियों को मौत के घाट उतारा था, उसके बाद वह उनकी गोली लगने से घायल हो गया था. अब इस बात की पुष्टि भी हो गई है कि हमारे जवानों ने भी नक्सिलयों का जम कर मुकाबला किया था और जवानों ने जवाबी फायरिंग में 10 नक्सलियों को यमलोक पहुंचा दिया था. जवाबी फायरिंग में करीब 5 नक्सलियों के घायल होने की भी खबर है. लेकिन बताया जाता है कि ये पांच नक्सलियों की हालत भी गंभीर थी, जिनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है. सीआरपीएफ के डीआईजी (ऑपरेशन) डीपी उपाध्याय ने कहा है कि ‘हमें सूचना मिली है कि सुकमा हमले में 10 नक्सली मारे गए हैं, वहीं पांच बेहद गंभीर रूप से घायल हुए हैं.’
बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने भी कहा था कि, ‘अत्याधुनिक हथियारों से लैस लगभग 300 नक्सलियों ने दोरनापाल में दोपहर करीब 1.30 बजे सीआरपीएफ के जवानों पर तब हमला किया था, जब जवान खाना खा रहे थे. सिन्हा ने ये भी कहा था कि इस दौरान जवानों ने भी करीब एक दर्जन नक्सलियों को मार गिराया है.
– ग्रामीणों को बनाया था ढाल
हमले में घायल एक जवान ने कहा था कि नक्सलियों के हमले का तरीका बिल्कुल पुराना था. उन्होंने कहा, ‘इस बार भी उन लोगों ने ग्रामीणों को ही अपना ढाल बनाया. उन्हीं के माध्यम से रेकी करवाई और इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया. हालांकि हमने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और 12 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है.’
– लापता जवानों की कोई खबर नहीं
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए इस वर्ष के सर्वाधिक रक्तरंजित नक्सली हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 26 जवान शहीद हो गए, और छह जवान घायल हो गए थे. घायलों का रायपुर के दो अस्पतालों में इलाज चल रहा है. आठ जवान लापता बताए जा रहे हैं जिसमें सीआरपीएफ का एक कमांडर शामिल है. फिलहाल इन लापता जवानों की कोई खबर नहीं है.