जलगाँव तेजसमाचार विशेष : तड़पता मुकेश, असहाय रोहित और संवेदनहीन तमाशबीन !
(जलगाँव तेजसमाचार विशेष ) शनिवार 29 जून को जलगाँव शहर के ह्रदय स्थल पर स्थित मूलजी जेठा महविद्यालय में 22 वर्षीय विद्यार्थी मुकेश सपकाले की निर्ममता से गोदकर ह्त्या कर दी गई. घटना का जन्म वाहन लगाने के कारण हुई टक्कर को बताया जा रहा है. पुलिस ने आनन् फानन में अपनी तत्परता दिखाते हुए इच्छाराम वाघोदे नामक युवक को जिले के पारोला से धर दबोचा, जिसे रविवार को जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. जहाँ पर न्यायधीश ए. एस. शेख ने संशयित अपराधी इच्छाराम को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. वही इस घटना क्रम में जलगाँव पुलिस के अपराध निरोधक दस्ते ने पूना से अरुण सोनवने, किरण हटकर सहित पांच लोगों को हिरासत में लिया. जिन्हें देर रात तक जलगाँव लाया जा रहा है.
घटना से फैली सनसनी के बीच हालत का जायजा लेने के लिए पुलिस अधीक्षक पंजाब राव उगले के उपरान्त राज्य के जलसंपदा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश महाजन, मंत्री गुलाब राव पाटिल, विधायक सुरेश भोले व हरी जावले, एम् एल सी चंदू पटेल ने जिला अस्पताल जा कर मृतक के परिजनों से मुलाक़ात की.
महाविद्यालय परिसर में छोटे से कारण से युवक की ह्त्या होने से पुलिस महकमे पर सवाल उठना लाजमी है. लेकिन घटना की रिपोर्टिंग कर रहे रिपोटरों के पास जो जानकारी एकत्रित हुई वह अधिक सोचनीय लगी.
विभिन्न लोगों से बातचीत, पुलिस सूत्रों की जानकारी पर यदि नज़र डालें तो चहल – पहल वाले मुलजी जेठा महाविद्यालय की पार्किंग पर मानो मानवता ने शनिवार को दम तोड़ दिया. मुकेश सपकाले के साथ जब युवकों का झगड़ा चल रहा था तब मुकेश का छोटा भाई रोहित, चापर मारने वाले युवक से हाथापाई करके अपने बड़े भाई को बचाने का प्रयास कर रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने यां असहाय रोहित ने पुलिस सूत्रों को बताया कि घटना के उपरान्त जब हमलावर युवक वहां से निकल गए तब भी किसी ने उनका पीछा करने, रोहित की सहायता करने का प्रयास नहीं किया. सूत्र बताते हैं कि खून से लथपथ मुकेश सपकाले घटनास्थल पर तड़प रहा था लेकिन कोई एक हाँथ उसे बचाने आगे नहीं आया. सूत्र यह भी बताते हैं कि रोहित सपकाले सहायता की भीख मांगते हुए सडक पर दौड़ रहा था लेकिन वहां उपस्थित लोग अपना रास्ता बदल रहे थे. कोई आटो रिक्शा वहां रुकने के लिए तैयार नहीं था. रोहित लोगों से वाहन लाने, ऑटो रिक्शा रोकने, मुकेश को जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए चिल्ला रहा था. लेकिन संवेदनहीन तमाशबीन सिर्फ यह सब देख रहे थे. लेकिन मुकेश की मौत का तमाशा देख रहे सब लोग कन्नी काट रहे थे. सूत्रों की माने तो रोहित ने जैसे तैसे एक ऑटो रिक्शा रोककर घायल मुकेश को कुछ विद्यार्थियों की सहायता से उठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया. जहाँ पर वैद्यकीय अधिकारी चेतन पाटिल ने मुकेश को मृत घोषित किया.
विशेष बात यह है कि इन दिनों इस महाविद्यालय में ग्यारहवीं कक्षा के प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है. इस वक्त महाविद्यालय परिसर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी व उनके अभिभावकों का जमाववाडा रहता है. मृतक के भाई रोहित सपकाले के ब्यान के अनुसार मुकेश के साथ 10 से 15 लड़के झगड़ा कर रहे थे. जिन्होंने दोनों तरफ से मुकेश को पकड़कर चापर से वार किये. रोहित ने जब चापर से वार करने वाले को रोकना चाहा तो उस पर भी दो वार किये गे. रोहित का भाग्य अच्छा था कि वह बच गया. एक अनुमान के मुताबिक़ घटना के समय महाविद्यालय परिसर में अंदाज़न 500 से 700 लोग मौजूद होंगें.
रोहित ने पुलिस को बताया की यदि मुकेश को समय पर अस्पताल लाया जाता तो शायद उसे बचाया जा सकता था. लेकिन तड़पता मुकेश, असहाय रोहित और संवेदनहीन तमाशबीन , मानवता की ह्त्या की कहानी लिख गया. घटना स्थल से कुछ कदम की दुरी पर ही महाविद्यालय के दो से तीन सिक्यूरिटी गार्ड खड़े हुए हैं. लेकिन मुकेश की ह्त्या के समय शायद वहां मौजूद लोग धृतराष्ट्र बन गए होंगे. माना चाक़ू चलने की घटना के समय हस्तक्षेप का साहस कम ही होता होगा. लेकिन घायल को त्वरित उपचार तक पहुंचाना तो मानवीयता हो सकती है. शनिवार की इस घटना यां तडपते हुए मुकेश को देखने, असहाय रोहित को भाई के जान की भीख मांगते देखने वाली सैकड़ों आँखें होंगी, हो सकता है ब्रेकिंग के चक्कर में कुछ आंखे इस घटना को अपने स्मार्टफोन में कैद कर रही होंगी. लेकिन देखते देखते जिस तरह से मुकेश सबकी आँखों के सामने से हमेशा लिए चला गया , उसे देखकर तो लगता है की संवेदना-हीन लोगों के आँखों का पानी अब सूख गया है.
विशाल चड्ढा – 7588518744