नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की अक्टूबर में होनेवाली बैठक से पहले पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम पर बैन लगा दिया है. इसका मकसद ब्लैक लिस्ट होने से बचना है. पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में है. जिन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे मुख्य तौर पर आईएस, अल कायदा और तालिबान के छोटे संगठनों से जुड़े हैं.
– आतंकियों की संपत्ति और बैंक खाते किए सील
यह पहली बार नहीं है जब एफएटीएफ की मीटिंग से पहले पाकिस्तान ने दिखावे के तौर पर आतंकियों या आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की हो. पिछले साल मई में भी उसने 8 आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस बार 88 आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इन आतंकियों के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी सीज कर दी गई हैं. साथ ही इन पर ट्रैवल बैन भी लगाया गया है. कुछ दिन पहले यूएन ने भी टेररिस्ट लिस्ट जारी की थी. इनमें कई आतंकी पाकिस्तान में मौजूद हैं.
– विदेश मंत्रालय ने मांगा समर्थन
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम यूएन चार्टर के हिसाब से कदम उठा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि दूसरे देश भी पाकिस्तान के इस कदम का समर्थन करते हुए ऐसा ही करेंगे. इन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग की. इसमें देश की अर्थ व्यवस्था और एफएटीएफ की मीटिंग के बारे में चर्चा हुई.
– सऊदी अरब ने साथ छोड़ा
पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है. सऊदी अरब ने उसे कर्ज और ऑयल देने से साफ इनकार कर दिया है. इतना ही नहीं सऊदी सरकार ने पाकिस्तान से साफ कह दिया है कि उसे इस साल के अंत तक 6.2 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना होगा. पाकिस्तान जून 2018 से ग्रे लिस्ट में है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 पॉइंट का डिमांड लेटर दिया था. सितंबर तक यह सभी शर्तें पूरी की जानी हैं. इसकी समीक्षा संगठन अक्टूबर में होगी.