पुणे (तेज समाचार डेस्क). ससून हॉस्पिटल के डेड हाउस से एक शव के बदल जाने का चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है. आश्चर्य की बात है कि जो लोग शव ले गए उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. जब मृतक के असली परिजन अस्पताल पहुंचे तक शवों की अदला-बदली का खुलासा हुआ. मृतक के परिजनों ने भी समझदारी दिखाते हुए अंतिम संस्कार होने के बाद अस्थियों को स्वीकार किया. इस मामले की जांच ससून हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा की जा रही है.
ससून हॉस्पिटल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंदाकिनी धीवर (62, धनकवड़ी) और विमल पारखे (72) का निधन हो गया था. इन दोनों के शव ससून अस्पताल के शवागार में रखे गए थे. दोनों शव मेडिको लीगल केस नहीं होने के कारण उनका पोस्टमार्टम न करते हुए दोनों के परिजनों ने हॉस्पिटल की सभी फॉर्मेलिटी पूरी कर फीस जमा करके शवों को शवागार में रखवा दिया था और अगले दिन लेजानेवाले थे. इस बीच विमल पारखे का बेटा उत्तम पारखे सुबह साढ़े आठ बजे के करीब शवागार आया तब शवागार के कर्मचारियों ने उसे शव दिखाया. तब उसने शव अपनी ही मां का होना बताया. इसके बाद पारखे हॉस्पिटल की सभी फार्मेलिटी पूरी कर शव को ले लिया. इसके बाद साढ़े 11 बजे के करीब मंदाकिनी धीवर के परिजन आए. उन्होंने शव को देखा और उसे मंदाकिनी का नहीं होना बताया. इसके बाद डेड हाउस के कर्मचारियों ने उत्तम पारखे को फिर से बुलाया. उस वक्त उत्तम पारखे के अन्य रिश्तेदार भी हॉस्पिटल में आ गए, तो उन्होंने विमल पारखे का ही होना बताया. – अस्थियां व राख धीवर परिवार को सौंपी गई
सुबह शवागार से दिया गया शव मंदाकिनी धीवर का होना साबित हो गया. इतना ही नहीं पारखे के परिजनों ने उनका यानी मंदाकिनी धिवर का अंतिम संस्कार भी कर दिया. यह गलती उत्तम पारखे ने स्वीकार भी कर ली और गलती से दूसरा शव ले जाना भी स्वीकार कर लिया. इसके बाद दोनों के परिवारों के लोग ससून हॉस्पिटल के डीन डॉ. अजय चंदनवाले के पास गए. वहां यह घटना जानबूझकर नहीं वरन गलती से होने की जानकारी दी गई. इसके बाद दोनों परिवारों के सदस्यों ने आपस में बातचीत की और अंतिम संस्कार के बाद राख और अस्थियां धीवर परिवार को सौंप दी और पारखे परिवार के लोग शव को ले गए. इस बारे में हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टरों की एक समिति इस घटना की जांच के लिए गठित की गई है. – दोषियों पर कार्रवाई होगी
परिजनों द्वारा हुई गलती से शव बदले जाने की इस घटना में शवागार के कर्मचारियों की क्या लापरवाही रही. इसकी जांच के लिए समिति बनाई गई है. इसमें दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.