कार्रवाई के बावजूद तालाबंदी मे कैसे फ़लफूल रहा गावठी शराब का धंदा
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार को 24 मार्च से पुरे भारत मे 21 दिनो तक की तालाबंदी की घोषणा करना पड़ी ! बगैर होमवर्क के इस फैसले ने आम लोगो की जिंदगी मे सब कुछ बदल कर रख दिया ! जमाखोरी , नफाखोरी , कालाबाजारी जैसी मक्कार गतिविधिया सिर उठाने लगी और लोग इसमे पिसना शुरू हो गए ! नेताओ के पार्टी संगठन का हिस्सा रहे और गैरकानूनी धंधो जैसे शराब , मटका , जुआ , तस्करी समेत अन्य व्यवसायो से जुड़े चेलेचपाटो की रंगीन दुनिया को तालाबंदी ने खुब प्रभावित किया है !
तालाबंदी के बाद पुरे देश मे सन्नाटा है इसी सन्नाटे मे गैरकानूनी धंधो ने नई शक्ल मे अपना मेकअप कर लिया है ! मटका आधिकारिक रूप से बंद है , देसी और विदेशी शराब के बंद पड़े परमिट बार का माल ऊंचे दामो पर खुले आम बेचा जा रहा है ! कही कही बार का माल मांग को लेकर बाइक्स के सहारे होम डिलीवर भी किया जा रहा है ! देसी विदेसी शराब के बढ़ते दाम हर किसी के जेब को माकूल नही है तो इसे समानांतर व्यवस्था के रूप मे गावठी शराब की भट्टियां नशेड़ीयो की जरूरत को पुरा करने मे लगी है !
जामनेर के कांग नदी की गोद मे आज दर्जनो भट्टियां चलाई जा रही है ! नवसागर , यूरिया , एसिड , स्पिरिट और न जाने अन्य कई तरह के घातक केमिकल्स से बनाई जा रही गावठी शराब को 100 , 200 मिलीलीटर के प्रमाण के हिसाब से एक प्लास्टिक बैग मे भरकर 30 से 50 और 100 रुपये तक मे बेचा जा रहा है ! बीते पखवाड़े स्थानीय पुलिस ने कप्तान प्रताप इंगले के अगवाई मे कई भट्टियो पर छापामारी की और कानूनी कार्रवाई की ! कार्रवाई की खबरे लोकल मीडिया मे इस कदर चलाई गई कि मानो कोरोना वायरस पर किसी दवा की खोज सफल हो गई हो और मिडिया की हेलाइन्स बन गई ! जैसे हि पुलिस महकमा कर्फ्यू से जुड़े कर्तव्यो के निर्वहन मे लगा वैसे हि गावठी शराब का धंधा फिर से इतना फलाफूला की अब शहर के हर नुक्कड़ पर बाइक्स की डिक्की मे गावठी शराब के बैग बेचने वालो को आराम से पहचाना जा सकता है ! अब जानकारो की माने तो इस तरह के धंधो की जानकारी पुलिस की खुफिया विंग को नही होना यह बात नामुमकिन है !
शहर के उत्तरी छोर पर इस गावठी शराब ने अपने पैर कुछ ज्यादा जमाए है ! अप्रमाणित गावठी शराब के जहर को पीनेवाले सैकड़ो शराबियो की जान पर खतरा बन आई तो आलम क्या होगा ? इस जहर को बनाने और बेचने वाले अपने नेताओ की कृपाछाया के कारण बहुत या उससे अधिक पैसा बना लेंगे , पकड़े गए तो कानूनी औपचारीकता को निपटकर खिसक भी लेंगे जैसा कि हमेशा से होता आ रहा है ! कोरोना वायरस की महामारी के बीच गावठी भट्टियो पर शराब के नाम पर बन रहे जहर से पैदा होने वाली उन तमाम आपदाओ को रोक पाना प्रशासन के वश मे है बशर्ते कोशिश बेबाक , निडर और ईमानदार होनी चाहिए !