पुणे (तेज समाचार डेस्क). पराजय दिखाई पड़ने पर पुणे स्नातक चुनाव के मतदाता पंजीकरण को बोगस बताने का ढ़ोंग राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल कर रहे हैं. यानी महाआघाड़ी ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है. उक्त आरोप विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने लगाया.
पुणे स्नातक चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार संग्राम सिंह देशमुख के प्रचार के लिए फडणवीस पुणे में थे. पत्रकार परिषद में फडणवीस ने कहा कि महाआघाड़ी के इस तरह के आरोप नए नहीं हैं. अक्सर पराजय के बाद भाजपा के विरोधी ईवीएम को दोष देते हैं. और इस चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होगा. इसलिए पराजय का नया बहाना महाआघाड़ी ने पहले से ही ढूंढ निकाला है. उन्होंने कहा कि मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी है, इसलिए बोगस मतदाता पंजीकरण नहीं हो सकता. उन्होंने दावा किया देशमुख लोगों की पहली पसंद बनकर उभरेंगे. ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया. फडणवीस ने कहा कि यह सरकार बेमेल है. इसलिए यह गिरकर ही रहेगी. कब गिरेगी इसपर हमारी नजरें हैं. जब गिर जाएगी तब हम सरकार स्थापित कर देंगें.
फडणवीस ने कहा कि डायरेक्टरेट ऑफ रिकवरी (ईडी) बिना सबूत के छापा नहीं मारता. इसलिए, यह कहना बहुत गलत है कि ये छापे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए डाले गए हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि उनके पास 100 से 150 लोगों की सूची है. विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें उस सूची की प्रतीक्षा है. फडणवीस ने कहा कि यह ईडी और प्रताप सरनाईक के बीच का मामला है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से भाजपा के आंदोलन की शिकायत करने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि चलो ठीक है प्रधानमंत्री के साथ शिकायत करते -करते मुख्यमंत्री ने हमारी दखल तो ली. हमने विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखे, पर आज तक किसी का जवाब नहीं दिया. विपक्ष के साथ चर्चा नहीं की, एक आम बैठक भी नहीं की. और इसके विपरीत प्रधानमंत्री को शिकायत करते हैं. फडणवीस ने कहा कि अगर सरकार मनमाने ढंग से काम कर रही है, अगर वह कोरोना के नाम से भ्रष्ट हो रही है, तो हम एक सक्षम विपक्षी पार्टी के रूप में काम करना जारी रखेंगे.