धुलिया(वाहिद ककर ):भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का 2563 वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शहर में झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा निकाली गई। बुद्ध के अनुयायियों ने चिलचिलाती धूप में भारी संख्या में जुटकर भगवान बुद्ध के उपदेश सुने। इसके बाद साक्री रोड स्थित बुद्ध विहार में सभा की गई। इसमें दूरदराज से आए लोगों ने बुद्ध महिमा का वर्णन करते हुए उनके उपदेशों पर चलने का आह्वान किया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर समां बांधा।
जन्मोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत सुबह नौ बजे अंबेडकर पार्क में वंदना और माल्यार्पण से हुई। बुद्ध अनुयायिओं ने अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद दस बजे शोभयात्रा का शुभारंभ किया गया। जो शहर के प्रमुख मार्गों से निकलते हुए बुद्ध बिहार कार्यक्रम स्थल पर रूकी। शोभायात्रा में सबसे आगे चल रही भगवान बुद्ध की झांकी शोभायमान नजर आ रही थी। करीब 12 बजे शोभायात्रा में आनंद सैंदाने ने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेश आज भी प्रसांगिक हैं। पंचशील का पालन करने से ही मानव का कल्याण संभव है। शांति का संदेश भारत ही नहीं वरन् संपूर्ण विश्व में स्मरणीय है। कहा कि बौद्ध काल में भारत को विश्व गुरु का दर्जा मिला जो भारतवासियों के लिए गर्व की बात है। इस दौरान मार्गदर्शन करते हुए कहा कि रूढ़वादिता, अंधविश्वास को त्यागने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाओं में चेतना पैदा करना आज समय की आवश्यकता है।
३१ जुलाई १९३७ को संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने पदस्पर्श कर ट्राव्हलर्स बंगलो को पावन किया था इस अवसर पर संदेश भुमी पर भगवान गौतम बुध्द जयंती समारोह के उपलक्ष्य में संदेश भुमी संरक्षण तथा संवर्धन कृती समिति द्वारा सुबह बौद्ध वंदना अभिवंदन का कार्यक्रम आयोजित किया था इस मौके पर अॅड रविकांत वाघ, बापूसाहेब नेरकर, आनंद सैदांणे, रविंद्र नगराळे, पुंजु अहिरे, हर्षबोध मोरे, प्रविण लाडे, छोटु पाटील, मोहन शिरसाठ, अजय मगरे, रवी शिंदे, ऐ.टी अहिरे रवि शिंदे आदि भीम अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे हैं।