उच्चतम न्यायालय व परिवहन आयुक्तालय के आदेश निर्देश की उड़ाई जा रही है धज्जियां
इंसपेक्टर द्वारा निर्धारित किया गया है फिटनेस लेकिन परिवहन अधिकारी की लापरवाही नही रहते हैं निरीक्षक
धुलिया (वाहिद काकर ):वाहनों की फिटनेस जांच ने के लिए मोटर वीकल एक्ट के तहत कई प्रावधान है। परिवहन कार्यालय में वाहनों की तमाम जांच के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का जिम्मा है। धुलिया परिवहन कार्यालय में फिटनेस जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही हैं उच्चतम न्यायालय और परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश निर्देश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं फ़िटनेस योगिता प्रमाण पत्र जारी करते समय आरटीओ इंस्पेक्टर की उपस्थिति में जांच और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के आदेश जनहित याचिका 28 /2013 तथा परिवहन आयुक्त कार्यालय के 21मार्च 2016 के आदेश में साफ तौर पर मोटर वाहन निरीक्षक की मौजूदगी को अनिवार्य किया गया है लेकिन धुलिया परिवहन अधिकारी परवेज़ तड़वी की लापरवाही बरतने के कारण असिस्टेंट मोटर वाहन निरीक्षक उच्चतम न्यायालय की तथा परिवहन आयुक्त कार्यालय के दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ा रहे हैं और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर वाहनों की जांच की जा रही है। जबकि एमवी एक्ट में ऐसा करने का प्रावधान नहीं है। तेज़ समाचार ने कुछ ऐसा ही नजारा कैद किया है । इंस्पेक्टरों का काम अस्सिटेंट इंस्पेक्टर कर रहे थे और ड्यूटी लगाई जाने के बाद भी इंस्पेक्टर नदारद थे ।फिटनेस के लिए मोटर वाहन इंस्पेक्टर द्वारा निर्धारित ड्यूटी नही करने के कारण असिस्टेंट सब इंस्पेक्टरो को वरिष्ठ अधिकारी के दबाव में फिटनेस जांच करनी पड़ रही हैं जो कि गैर कानूनी है एक तरह से परिवहन अधिकारी तड़वी और मोटर वाहन निरीक्षक उनके मातहतों का जबरन शोषण कर है इस तरह का नजारा धुलिया परिवहन कार्यालय में साफ तौर पर दिखाई देता है। इस तरह की ड्यूटी लगाने पर रोक लगाने की जरूरत है।
एक ही कैमरे से फोटो खींची और बन गया सर्टिफिकेट
फिटनेस के समय भी वाहनों की जांच के नाम पर सिर्फ फोटो खींचने का खेल चल रहा है। लाइट, बैक लाइट, गेयर बॉक्स, ब्रेक, नंबर प्लेट, बॉडी सस्पेंशन लिंकेज चेचिस और रिफ्लेक्टर आदि की बारीकी से जांच नहीं होती। फोटो खींचने के बाद ही सर्टिफिकेट जारी हो जाता है। न इंजिन की जांच होती है न ही चेजिस कि बस हो गई वाहनों की राम भरोसे जांच जबकि तीन कैमरे होना अनिवार्य है और चेजिस कि जांच करने के लिए परिवहन आयुक्त कार्यालय ने रैम पर वाहन खड़े कर चेजिस इंजिन गेऔर बॉक्स और बॉडी की जांच को आवश्यक है लेकिन धुलिया परिवहन संभागीय कार्यालय में न रैम की सुविधा उपलब्ध है न ही तीन कैमरे एक ही कैमरे के भरोसे चल रहा है वह भी नाम के लिए न सुव्यवस्थित सुविधाएं हैं और न ही अधिकृत ऑफिसर की मौजूदगी सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में भारी वाहनों को लदे हुए माल सहित पहुंचना प्रतिबंधित है, लेकिन उक्त कार्यालय में रोजाना ऐसे कुछ ट्रकों की जांच भी की गई है । परिवहन विभाग फ्लाइंग स्क्वाड और सीपी पर अवैध वसूली में लिप्त हैं । इस तरह के गंभीर आरोप प्रतिदिन विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाया जाता है
इसके अलावा वाहन का ब्रेक, एक्सल और टायरों की जांच भी आवश्यक
बारीकी से फिटनेस जांच का है नियम हैं लेकिन इस प्रकार से कुछ नहीं किया जाता है बस कागजों की खानापूर्ति की जाती है।वाहन चालक फिटनेस के समय प्रदूषण प्रमाण पत्र पेश करते हैं उसे ही मान्य कर दिया जाता है।कभी वाहन चालकों द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्र की क्रॉस चैकिंग नहीं कराई जाती है। जबकि वाहन में फॉल्ट पकड़ने के लिए कम से कम 3 आईबीएम कैमरे की आवश्यकता होती है जो कि धुलिया परिवहन कार्यालय में उपलब्ध नहीं है इसी तरह सस्पेंशन लिंकेज आदि की जांच हेतु वाहनों को रैम पर खड़ा किया जाता है वह भी नहीं है कुल मिलाकर धुलिया संभाग में परिवहन अधिकारी तड़वी और मोटर वाहन निरीक्षको की लापरवाही के चलते फिटनेस अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए सड़को पर ट्रक और वाहन बेख़ौफ़ दौड़ रहे हैं भविष्य में अनफिट वाहनों से दुर्घटना घटीत होती है तो किस की जिम्मेदारी होंगी तत्कालीन परिवहन अधिकारी विजय कुमार लांडे के कार्यकाल में भी ट्रक और टैक्सी की भिड़ंत में 15 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था।