प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी राहुल रेखावार को सौंपते हुए केबल ऑपरेटर ने कहा कि छोटे केबल संचालन में हजारों कर्मचारी जुड़े हुए है और उनकी आय का यही साधन है मगर ट्राई ने 29 दिसंबर 2018 से पूरे देश मे एमआरपी लागू करने का फैसला किया है और यह केबल उद्योग से जुड़े लोगों के लिए काला कानून है।
केबल ऑपरेटरों का कहना है कि अभी तक जो चैनल हम लोग 150 -180 रूपये में आम उपभोक्ताओं को मुहैया करवाते रहे हैं, इस कानून के आने से उसकी कीमत बढ़ कर 800 रूपये तक हो जाएग, जो देने के लिए बाध्य होंगे। इस कानून से सभी केबल उपभोक्ता और ऑपरेटर व कर्मचारी दुखी हैं। इस देश की आम जनता इस काले कानून एमआरपी को लागू करने से अभी तक मिलने वाला सस्ता मनोरंजन अब महंगा हो जाएगा।
केबल ऑपरेटरों के अनुसार यह कानून डीटीएच कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े उद्योगपतियों के दबाव में लिया गया फैसला है। हम केबल ऑपरेटरों को खत्म करने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसके मध्यमवर्ग व गरीब जनता को लूटने के लिए ट्राई द्वारा यह जन विरोधी कानून लागू किया जा रहा है और इससे देश के आम जनता व ऑपरेटर इस जन विरोधी कानून से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आने वाले समय में अगर यह एमआरपी कानून देश में लागू किया जाता है तो देश भर के लाखों ऑपरेटर व कर्मचारी केबल व्यवसाय को छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे। उनके भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। इसलिए कानून को तुरंत निरस्त किया जाए नहीं तो हजारों केबल ऑपरेटर्स आने वाले समय में देश के हर राज्य जिले में आंदोलन करने व केवल प्रसारण बंद करके हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे। इस अध्यादेश को निरस्त करने की मांग धुलिया ज़िला केबल ऑपरेटर ने ज़िला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपकर की है।