पुणे (तेज समाचार डेस्क). इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है. भारत में कोरोनी की चेन तोड़ने के लिए इस समय लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के कारण पूरे देश में सभी कामधंधे बंद पड़े हुए है. नतीजा अनेक लोगों के पास काम नहीं है और ऐसे लोगों पर भूखे मरने की नौबत आ गई है. इन लोगों में अधिकांश वे लोग है, जो दूसरे शहरों या प्रदेशों में जा कर मजदूरी करते हैं. ऐसा माना जा रहा था कि लॉकडाउन में स्थिति कितनी भी विकट हो गई हो, लेकिन लोगों ने अपना हौसला नहीं छोड़ा था, फिर भले ही पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा क्यो न करनी पड़े? फिर भले ही भूखा क्यों न रहना पड़े, जिन्दा रहना है अपनों के लिए, अपने लिए. लेकिन हाल ही में एक घटना ऐसी घटी, जिसमें लॉकडाउन में पैदल ही अपने गांव चल पड़े एक युवक ने हातश होते हुए आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन समय रहते पुलिसवालों ने उसे बचा लिया और कुछ पैसे और खाना दे कर उसे अपने गांव रवाना कर दिया.
जानकारी के अनुसार बिहार निवासी दीपू पटेल नामक एक युवक पुणे से पैदल ही बिहार जाने के लिए निकल पड़ा. 1655 किमी का सफर तय करने के बाद इस दीपू ने निराश होकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बुधवार सुबह नौसढ़ चौराहे पर एक तीन मंजिला मकान की रेलिंग से लटककर एक श्रमिक ने फांसी लगा का आत्महत्या की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उसे बचा लिया. इसके बाद उसने अपनी जो कहानी बताई उससे पुलिसवाले भी हैरान रह गए.
– पुणे में मजदूरी करता था दीपू
खुदकुशी की कोशिश करनेवाले मजदूर का नाम दीपू पटेल है. वह सिवान के चैनपुर छितौनी का रहने वाला है. उसने पुलिस को बताया कि लॉकडाउन में पुणे में काम छूट गया. जब अपने पास रखे रुपए खत्म होने लगे, सिर्फ 13 सौ रुपए ही रह गए तो उसके पास वापस लौटने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा. कोई साधन नहीं मिला तो दीपू पैदल ही चल पड़ा. जब उसने यात्रा शुरू की उस वक्त उसके पास 1300 रुपए थे. ये रुपए रास्ते में खत्म हो गए. दीपू सैकड़ों किलोमीटर पैदल चला, कहीं-कहीं ट्रक या किसी अन्य वाहन से लिफ्ट मिल गई.
– पैसे हुए खत्म और सताने लगी भूख
इस तरह से कई मुश्किलों का सामना करता हुआ वह बुधवार को गोरखपुर पहुंचा. वह नौसड़ बस स्टेशन पर जाकर सिवान के लिए बस खोजने लगा लेकिन उसे कोई बस नहीं मिली. इधर, भूख दीपू को बुरी तरह सता रही थी लेकिन उसके पास रुपए नहीं थे.भूख ने इतना परेशान किया कि दीपू ने खुद को खत्म करने का मंसूबा बना लिया. वह चुपके से रोडवेज बस स्टैंड के सामने रामचन्दर गुप्ता के मकान की तीसरी मंजिल पर चढ़ गया और छत पर चला गया. रेलिंग में गमछा फंसाकर फंदा अपने गले में डाल लिया और नीचे लटकने का प्रयास करने लगा. नीचे सड़क पर लोगों ने उसे ऐसा करते देखा तो भीड़ जुट गई.
– पुलिस की सतर्कता से बची दीपू की जान
इसकी खबर मिलते ही नौसड़ पुलिस चौकी से भी पुलिसवाले भी दौड़े-दौड़े पहुंचे. पुलिसवालों ने मौके पर पहुंचकर दीपू को समझाने-बुझाने की कोशिश शुरू कर दी. हालांकि दीपू किसी की नहीं सुन रहा था. इसी बीच बगल के एक शख्स के मकान के सहारे पुलिस युवक के पास तक पहुंची. उसे एक बार फिर समझाया और नीचे उतार लिया. दीपू ने बताया कि वह पुणे में वेल्डिंग का काम करता था. लॉकडाउन में काम छूट गया था इसलिए वापस घर लौट रहा था. सब इंस्पेक्टर भूपेन्द्र तिवारी ने उसको खाना खिलाया, 1500 रुपए दिए और उसके घर सिवान भेजने की व्यवस्था की. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें पुलिस रेलिंग से लटक रहे युवक को ऊपर खींचती दिख रही है.