नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). दिल्ली में 26 जनवरी को कथित किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी उपद्रवियों द्वारा मचाए गए भौकाल से जुड़े ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में मंगलवार को एक और खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि ग्रेटा थनबर्ग ने जब कथित किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट ट्वीट की, उसके तुरंत बाद एक्टिविस्ट दिशा ने उसे वॉट्सऐप मैसेज किया था. इसमें दिशा ने ग्रेटा से कहा था कि इस टूलकिट को ट्वीट मत करो, क्योंकि इसमें सभी के नाम हैं.
– दिशा द्वारा बनाए गए व्हॉट्सऐप ग्रुप की जानकारी मांगी
उधर, दिल्ली पुलिस ने दिशा के बनाए एक वॉट्सऐप ग्रुप के बारे में भी जानकारी मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेशनल फार्मर स्ट्राइक नाम का ये ग्रुप किसानों से जुड़े गतिविधियों को जोड़ने के लिए बनाया गया था. पुलिस ने बताया कि इस ग्रुप को 6 दिसंबर को बनाया गया और इसमें 10 मेंबर्स जुड़े थे. बाद में दिशा ने अपने फोन से सभी के नंबर डिलीट कर दिए.
– ग्रेटा और दिशा रवि के बीच हुई वॉट्सऐप चैट
ग्रेटा (9:25 pm): बहुत अच्छा होता कि ये अभी तैयार होती. मुझे इसके चलते बहुत सारी धमकियां मिलतीं. इसने तो बहुत बखेड़ा कर दिया.
दिशा : शिट… शिट
दिशा (9:25 pm) : मैं ये तुम्हें भेज रही हूं.
दिशा (9:35 pm) : ओके, क्या ऐसा हो सकता है कि ये टूलकिट तुम शेयर ना करो? ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ वक्त के लिए हम लोग कुछ भी ना कहें? मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं. मैं माफी चाहती हूं पर इसमें हम लोगों के नाम हैं. हम लोगों के खिलाफ वास्तव में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत केस होगा.
दिशा (9:39 pm): क्या तुम ठीक हो?
ग्रेटा (9:40 pm): मुझे कुछ लिखना चाहिए.
दिशा (9:40 pm): क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं.
ग्रेटा (9:41 pm): कभी-कभी नफरत के ऐसे तूफान आते हैं और ये बहुत भयानक होते हैं.
दिशा (9:41 pm): मैं माफी मांगती हूं. हम सब परेशान हो रहे हैं, क्योंकि यहां हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं.
दिशा (9:41 pm): हम ये निश्चित करेंगे कि इस मामले में तुम्हारा नाम न आए.
दिशा (9:41 pm): हमें अभी सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने होंगे.
– निकिता ने वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूली
टूलकिट केस में मुंबई की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब ने 26 जनवरी से पहले हुई उस वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूल की, जिसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) के फाउंडर एमओ धालीवाल, दिशा और अन्य लोग जूम ऐप के जरिए जुड़े थे. ये मीटिंग 11 जनवरी को हुई थी. इसमें 70 लोग शामिल हुए थे. दिल्ली पुलिस ने जूम ऐप से सभी की जानकारी मांगी है. पुलिस ने कहा कि ये मीटिंग PJF ने बुलाई थी, जिसका फाउंडर एमओ धालीवाल है. इसी में ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी नाम से टूलकिट बनाने का फैसला किया गया.
– टूलकिट पर निकिता ने दी सफाई
निकिता के वकील ने मुंबई के पुलिस के सामने इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए हैं. इनमें निकिता ने कहा, ‘टूलकिट एक्सटिंक्शन रिबेलियन NGO (XR) के भारतीय वालंटियर्स ने बनाई थी. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलन की पूरी तस्वीर एक जगह पेश करना था.’
– हिंसा भड़काना मकसद नहीं था
निकिता ने कहा कि, स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ मैंने कोई जानकारी शेयर नहीं की है. यह टूलकिट डॉक्यूमेंट इन्फॉर्मेशनल पैक था और इसका मकसद हिंसा भड़काना नहीं था. इसके पीछे मेरा कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा भी नहीं था.’
– ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर किया था टूलकिट
यह मामला देश के किसानों से जुड़ा है, जो दिल्ली के दरवाजे पर 83 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. 3 फरवरी को 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं. पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था, दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी. यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था. इसमें ‘अर्जेंट, प्रायर और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था.