पुणे (तेज समाचार डेस्क). भीमा कोरेगांव में एक जनवरी 2017 को विजयस्तंभ अभिवादन समारोह की पृष्ठभूमि पर पुणे जिला (ग्रामीण) पुलिस ने 163 लोगों को नोटिस जारी किया है. इसमें हिन्दू एकता आघाडी के मिलिंद एकबोटे और शिवप्रतिष्ठान के संभाजी भिडे भी शामिल हैं. एक जनवरी 2017 को कोरेगांव भीमा लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ थी. इसी दिन यहां पर हिंसा फैली थी, जिसे दो साल पूरे हो गए हैं. इसके मद्देनजर जिला पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है.
– कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़काने का आरोप
कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में आरोपी मिलिंद एकबोटे पर आरोप है कि उन्होंने कोरेगांव भीमा में 2017 में हिंसा भड़काई थी. इस मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. बाद में पुणे की अदालत ने आरोपी मिलिंद एकबोटे को अप्रैल 2018 में कुछ शर्तों के आधार पर जमानत दे दी थी. बाद में जनवरी 2019 में मिलिंद एकबोटे पर लगाई गईं पाबंदिया हटा ली गई थीं. शिवप्रतिष्ठान के संभाजी भिड़े पर भी हिंसा फैलाने का आरोप है. इन दोनों समेत 2018 में जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उन सभी को जिलाबन्दी की नोटिस दी गई है, यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने दी.
– 1 जनवरी 2017 को हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि, 31 दिसंबर, 2017 को भीमा कोरेगांव में पेशवाओं पर महार रेजिमेंट की जीत के 200 साल पूरे हुए थे जिसके उपलक्ष्य में पुणे के शनिवारवाड़ा में यल्गार परिषद ने जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें सुधीर धवले, पूर्व जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल के अलावा कई अन्य संगठन दलितों और अल्पसंख्यकों पर मौजूदा सरकार के अत्याचारों का दावा करते हुए एकजुट हुए थे. इस जश्न के अगले ही दिन यानी एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी. पुणे पुलिस ने अपनी जांच में इस हिंसा के लिए यलगार परिषद में हुए भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार ठहराकर भाषण देनेवाले नेताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है.