नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा कई अहम फैसले किए गए. सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने बताया कि ई-सिगरेट के उत्पादन, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है.
सीतारमण ने बताया कि रिपोर्ट्स के मुताबिक ई-सिगरेट के 400 ब्रांड और 150 फ्लेवर हैं. इनमें से कोई भी भारत में नहीं बनता. सरकार का कहना है कि युवाओं और बच्चों को ई-सिगरेट की लत के खतरे से बचाने के लिए सही समय पर यह फैसला लिया है. भारत में ई-सिगरेट की बिक्री अभी काफी कम है लेकिन, धीरे-धीरे इसकी लत बढ़ रही है. इसका इस्तेमाल करना स्टाइल स्टेटमेंट बनता जा रहा है.
– सजा का प्रावधान
ई-सिगरेट पर बैन के अध्यादेश के ड्राफ्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा कि पहली बार नियम तोड़ने वालों को 1 साल तक की जेल हो और 1 लाख रुपए का जुर्माना हो. अगली बार उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल या 5 लाख रुपए जुर्माना या फिर दोनों सजाओं का प्रस्ताव भी रखा गया.
– क्या है ई-सिगरेट?
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी डिवाइस होती है. इसके जरिए फ्लेवर्ड लिक्विड सॉल्यूशन को सांस के साथ खींचा जाता है. इससे सिगरेट पीने जैसा अहसास होता है. ई-सिगरेट से फेंफड़ों की बीमारियां बढ़ने की वजह से न्यूयॉर्क में मंगलवार को ही इसे बैन किया गया है. इसके अगले ही दिन यानी बुधवार को भारत सरकार ने भी ई-सिगरेट के स्वास्थ्य के प्रति नुकसानदायक होने के चलते इसे भारत में हर दिशा से पूरी तरह से बैन कर दिया है. हालांकि भारत में अभी इसका चलन बड़े पैमान पर नहीं हो सका है, लेकिन समय रहते सरकार ने सजग होते हुए यह कदम उठाया है.

