सोलापुर (तेज समाचार डेस्क). पुलिस और डकैतों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस की फायरिंग में एक डकैत की मौत हो गई. मुठभेड़ के दौरान बाकी डकैत भागने में सफल हो गए. लेकिन कथित डकैत की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर उसकी हत्या करने का आरोप जड़ दिया है. मामले में जिलाधिकारी ने संज्ञान लेकर अधिकारियों की बैठक बुलाई और जानकारी ली.
बता दें कि, सोलापुर-तुलजापुर मार्ग पर ग्राम उले के समीप पुलिस और कथित डकैतों में जमकर मुठभेड़ हुई. पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में विनायक काले नामक एक डकैत की मौत हो गई. डकैतों की ओर से किए गए हमले में एक पुलिस इन्स्पेक्टर और हवालदार भी घायल होने का दावा पुलिस की ओर से किया गया है. लेकिन इसके बाद डकैत विनायक काले के परिजन आक्रामक हो गए और उन्होंने सीधे जिलाधिकारी के निवास पर मोर्चा निकाला. मोर्चा में आदिवासी पारधी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. परिजनों का कहना था कि विनायक कोई डकैत नहीं है बल्कि वह पूरी तरह से निर्दोष है. पुलिस ने उसे मुठभेड़ में नहीं मारा बल्कि उसके साथ की गई जानलेवा मारपीट से उसकी मौत हो गई.
जिलाधिकारी निवास पर कुछ लोगों ने आत्मदाह की भी कोशीश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण बन गई. लेकिन पुलिस ने वक्त रहते मामले को शांत किया. विनायक काले के परिजनों ने इस समय जोरदार नारेबाजी की.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने फौरन पुलिस अधिकारियों की मिटिंग बुलाई. मिटिंग में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, डकैतों से हुई मूठभेड़ में विनायक काले की मौत हो गई.