पुणे (तेज समाचार डेस्क). मुठा नदी तट की जगह को हड़पने के लिए नदी तट पर भराव डालकर करीब साढ़े तीन एकड़ की जगह नदी तट के समीप तैयार करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. नांदेड सिटी स्थित पवार पब्लिक स्कूल व स्वामी समर्थ मठ के पिछले हिस्से में यह मामला हुआ है. उसके लिए विगत 5 साल में नांदेड सिटी के नजदीकी नदी तट को शिवणे की ओर मोड़ दिया गया है. एनजीटी ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है. इस मामले के साथ ही और 11 मामलों में हुए अतिक्रमण को लेकर जांच समिति गठित करने के निर्देश एनजीटी ने दिए है. इस मामले को लेकर पर्यावरण प्रेमी सारंग यादवाडकर, विवेक वेलणकर, दिलीप मोहिते, नरेंद्र चूग आदि लोगों ने याचिका दायर की थी. इसके सुनवाई के अवसर पर एनजीटी ने यह निर्देश दिए है. ऐसी जानकारी याचिकाकर्ता यादवाडकर व वेलणकर ने पत्रकार परिषद में दी.
– इस तरह से नदी तट हुआ गायब
नांदेड़ सिटी स्थित विद्या प्रतिष्ठान के पवार पब्लिक स्कूल के मैदान में साथ ही स्वामी समर्थ मठ के पीछे की दिशा में मुठा नदी है. इस नदी के तट के माध्यम से साल भर तक नदी के पानी का प्रवाह होता है. यह तट दूसरी बाजू से शिवणे गांव की दिशा में है. यादवाडकर द्वारा एनजीटी में पेश की गई जानकारी के अनुसार 11 मार्च 2014 में इस जगह पर शिवणे की दिशा में नदी तट पर नाली खोदी गयी. उसके बाद 30 अक्टूबर 2015 में नाली को बढ़ा दिया गया. तो 23 दिसंबर 2018 को नांदेड सिटी के बाजू में पूरा नदी तट ही मलबा व मिट्टी के माध्यम से बुझा दिया व वहां पर करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन तैयार की गयी है. तो पानी प्रवाह का तट शिवणे गांव की ओर खिसका दिया गया. इस बीच अब इस तट पर जो निर्माण कार्य किया जा रहा है, उसका इस्तेमाल कौन कर रहा है, उसकी कोई जानकारी नहीं मिल पायी है.
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– और भी 11 जगहों का समावेश
इस बारे में यादवाडकर ने कहा कि दोनों शहरों के बीच से जानेवाले मुला व मुठा नदी पर ऐसे करीब 12 अतिक्रमण हुए हैं. इसके खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर की गयी है. उसमें शिवणे नदी तट के साथ ही मुठा नदी पर की दांगट औद्योगिक वसाहत, संगमवाडी इलाके का समावेश है. तो मुला नदी पर पिंपले निलख, पुरानी सांगवी, रहाटणी, बोपाडी ऐसे इलाकों का इस अतिक्रमण में समावेश है.
– एनजीटी ने क्या दिए है निर्देश?
इस बीच इस मामले की अब एनजीटी ने गंभीरता से दखल ली है. न्यायाधीश एस. पी. वांगडी, न्यायाधीश के रामकृष्ण व न्यायाधीश डॉ. नगीन नंदा ने दोनो मनपा आयुक्तों को मलबा नदी में फेका नहीं जाएगा, इस पर ध्यान देने के लिए कहा है. साथ ही उसको लेकर उपाययोजना करने के लिए भी कहा गया है. साथ ही इन 12 जगहों की जांच कर उससे संबंधित रिपोर्ट पेश करने के लिए एक समिति गठित करने के लिए कहा गया है. इसमें जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता, जिलाधिकारी, एमपीसीबी के सदस्य सचिव, सिया संस्था का प्रतिनिधि साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण महामंडल के वरिष्ठ शास्त्रज्ञों का समावेश होगा. इस समिति द्वारा सभी जांच कर आगामी तीन माह में रिपोर्ट पेश करने के लिए भी एनजीटी ने कहा है. इस काम के लिए नोडल अधिकारी के तौर पर प्रदूषण नियंत्रण महामंडल काम करेगी.