भुसावल के साथ मनमाड और बेंगलुरू रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम
भुसावल ( तेजसामाचार प्रतिनिधि ) – अपराधियों की पहचान करने और उनकी धरपकड़ के लिए भुसावल के साथ मनमाड और बेंगलुरू रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से लैस फेशियल रिकॉग्निशन (Facial Recognition System चेहरे से पहचान करने वाली) प्रौद्योगिकी प्रायोगिक तौर पर लगाये जा रहे है.
मध्य रेलवे के एक बड़े जंक्शन होने के कारण भुसावल अपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि चेहरा पहचान करने वाली प्रणाली के परीक्षण के बाद प्रौद्योगिकी को पूरे रेलवे नेटवर्क में लागू किया जाएगा.
इस तकनीक के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का उद्देश्य फेशियल रिकॉग्निशन प्रणाली को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से जोड़ना है. इससे रेलवे स्टेशनों पर घूमने वाले अपराधियों की पहचान करने में मदद मिलेगी. चेहरे से पहचान करने वाला साफ्टवेयर किसी ज्ञात अपराधी के बारे में आरपीएफ कमान केंद्र को अलर्ट कर देगा. अपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने में यह तकनीक बेहतर कारगर साबित होगी.
रेलवे की ओर से जारी एक बयान के अनुसार रेलवे बोर्ड ने निर्भया कोष का इस्तेमाल करते हुए 983 स्टेशनों को शामिल करते हुए वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) के लिए काम करने के वास्ते भी अपनी मंजूरी दे दी है.
रेल मंत्रालय के तहत एक मिनीरत्न ‘रेलटेल’ को इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) आधारित वीएसएस वीडियो एनालिटिक्स और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम मुहैया कराने का काम सौंपा गया है. वीएसएस लगाने के लिए रेलवे को इस वर्ष निर्भया कोष से 250 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे.
अधिक आबादी वाले शहरों में लॉ एंड ऑर्डर के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम अच्छा विकल्प है. ऐसे में भारत में यह सिस्टम सफल हो सकता है. भुसावल के साथ मनमाड और बेंगलुरू रेलवे स्टेशनों पर शुरू हुए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम लगाए जाने के बाद देश के अन्य शहरों में भी इस सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है.
चीन में पहले से ही फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम आ चुका है. चीन में फेशियल रिकॉग्निशन सिसटम का इस्तेमाल एयर पोर्ट की सिक्योरिटी, क्राइम और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए किया जाता है. चीन के सुरक्षा कर्मियों को फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम से काफी सहायता मिलती है. इसके साथ ही अधिकारियों का लोगों के साथ व्यवहार भी बदल जाता है.