पुणे (तेज समाचार डेस्क). परिवहन विभाग से ऑटो रिक्शा परमिट हासिल करने के लिए जरूरी फर्जी चरित्र पड़ताल प्रमाणपत्र जारी करनेवाली एक गैंग का पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस के चरित्र प्रमाणपत्र पड़ताल विभाग और क्राइम ब्रांच के यूनिट 1 की टीम ने इस गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर फर्जी कागजात बरामद किए हैं. इसमें फर्जी हस्ताक्षर, मुहर और अलग- अलग मायने के कुल 88 मामले शामिल हैं. इस गैंग से पुलिस ने करीबन 18 लाख रुपए का माल बरामद किया है. इस गैंग के गिरफ्तार सदस्यों में अशोक भीमराव जोगदंड (37, निगडी), बालाजी अशोक माशालकर (40, कालेवाडी), सचिन महादू सालवे (35, तलवडे), मुकुंद दत्तू पवार (30, निगडी), रामदास मच्छिंद्र हारपुडे (35, चिखली), किरण रामभाऊ ढोबले (26, भोसरी), खेतमल नामदेव पाटिल (36, कालेवाडी) का समावेश है. ये आरोपी खुद को आरटीओ एजेंट बताते थें और एक परमिट के लिए 15 हजार से 80 हजार रुपए ऐंठ रहे थे.
– मुखबीर ने दी थी सूचना
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रामनाथ पोकले ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय के चरित्र पड़ताल विभाग के पुलिस निरीक्षक सुनील पिंजण को मुखबिर से उक्त गैंग के बारे में पता चला. यही नहीं उन्हें ऑटो रिक्शा परमिट के लिए जरूरी पुलिस द्वारा जारी किए जानेवाले चरित्र पड़ताल प्रमाणपत्र भी मिले. आरटीओ एजंटों की यह गैंग पुलिस का फर्जी चरित्र पड़ताल प्रमाणपत्र जारी कर रही है. इसके लिए उन्होंने पुलिस निरीक्षक पिंजन के फर्जी हस्ताक्षर और आयुक्तालय की फर्जी मुहर भी तैयार की है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त सुधीर हिरेमठ ने यूनिट एक को आदेश दिए.
– 88 नकली चरित्र प्रमाण पत्र मिले
यूनिट 1 की टीम ने इस गैंग की जानकारी, उनके अड्डे, उनके आरटीओ ऑफिस आने- जाने का समय, उनके साथी आदि की जानकारी जुटाई. इसके बाद पहले तीन लोगों को हिरासत में लिया. उनसे बरामद कागजात और की गई पूछताछ के आधार पर अन्य चार लोगों को पकड़ा गया. उनके पास से 88 चरित्र पड़ताल प्रमाणपत्र और कई फर्जी कागजात बरामद किए गए. इस कार्रवाई को यूनिट 1 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम तांगडे, चरित्र पड़ताल प्रमाणपत्र (विशेष शाखा) विभाग के पुलिस निरीक्षक सुनील पिंजण, सहायक निरीक्षक गणेश पाटिल, लांडगे, कर्मचारी रवींद्र राठोड, शिवाजी कानडे कालू कोकाटे, अमित गायकवाड, महेंद्र तातले, अंजनराव सोडगीर, मनोजकुमार कमले, प्रवीण पाटिल, विशाल भोइर, गणेश सावंत, प्रवीण मोरे, सचिन मोरे, तानाजी पानसरे, सायबर विभागाचे नाजुका हुलावले व नितेश बिचेवार की टीम ने अंजाम दिया.