नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़क से संसद तक संग्राम जारी है. इसी बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपना संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों का बहुत सम्मान करती है और कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किए हैं. इस दौरान बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करने वाले विपक्षी सांसदों को भी प्रधानमंत्री ने आड़े हाथों लिया.
– कांग्रेस ने किया वॉक आउट
प्रधानमंत्री के द्वारा किसानों के मुद्दे पर बोलने के दौरान कांग्रेस सांसद लोकसभा से वॉक आउट कर गए. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कहा कि पीएम मोदी हमारे सवालों के जवाब नहीं दे रहे थे इसलिए हमलोग वाक ऑउट कर गए.
– प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी महत्वपूर्ण
पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है. आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है.
– राष्ट्रपति जी का भाषण भारतीयों की संकल्प शक्ति का प्रतीक
राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है. विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में कही.
– किसानों को गुमराह किया जा रहा है
पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलन पर बैठे किसानों को गुमराह किया जा रहा है. छोटे किसानों के लिए व्यवस्था में बदलाव जरूरी है. देश में छोटे किसानों की उपेक्षा हुई है. उन्होंने कहा कि खेती को आधुनिक बनाना जरूरी है. खेती में बड़े निवेश की जरूरत है. पीएम ने कहा कि हमारा किसान दुनिया के हिसाब से खेती करे. उन्होंने कहा कि कृषि हमारी संस्कृति का हिस्सा है. कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सब कुछ वैसा का वैसा ही है.