सागर (तेज समाचार डेस्क). मध्यप्रदेश के सागर से हत्या और आत्महत्या का एक पेचिदा मामला सामने आया है, जहां सागर के प्रसिद्ध सीमेंट व्यापारी ब्रिजेश उर्फ अजय चौरसिया ने पहले अपनी 16 साल की नाबालिग बेटी की हत्या करवाई और फिर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली.
– रंजन राय ने मारी बेटी को गोली
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि ब्रजेश ने बिहार के मास्टर माइंड रंजन राय से हथियार लेने के बाद उसी के साथ मिलकर अपने किसी दुश्मन को मारने की प्लानिंग और रिहर्सल की थी, लेकिन 16 जुलाई को ब्रजेश कार से अपनी पत्नी और बेटी को बेहोशी की हालत में पथरिया जाट रोड पर ले गया था. यहां उसने रंजन को बुलाकर इन दोनों को गोली मारने को कहा. रंजन को यह पता नहीं था कि 90 हजार में उसने जिन लोगों की जान लेने की सुपारी ली है, वे ब्रजेश की पत्नी व बेटी हैं.
रंजन ने लड़की को कार के बाहर से गोली मारी तभी उस रोड पर ट्रैफिक बढ़ गया. जिससे वह महिला पर फायर किए बिना ही लौट गया. कुछ देर बाद ब्रजेश ने कार में आकर खुद को गोली मारकर जान दे दी. अब सवाल उठ रहे हैं कि ब्रजेश अपनी पत्नी-बेटी को आखिर इस तरह से क्यों मरवाना चाहता था? आरोपी के साथ पूरी प्लानिंग के दौरान ब्रजेश ने यह क्यों छिपाया कि वह किसे मारने की सुपारी दे रहा है? छोटी बेटी को घर पर क्यों छोड़ा, चाहता तो उसे भी जबरदस्ती अपने साथ ले आता?
– कर्ज में डूबा था ब्रिजेश
मृतक ब्रिजेश ने सुसाइड नोट में पत्नी व उसके बीमा क्लेम की राशि से बैंक का कर्ज चुकाने का जिक्र किया, लेकिन इस बात पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा. वहीं ब्रजेश ने जिस पिस्टल से सुसाइड किया था वह तो पुलिस को मिल गई, लेकिन जिससे बेटी का मर्डर हुआ वह पिस्टल और मृतक का मोबाइल ये दोनों अभी भी गायब हैं. इस केस में अभी और खुलासे बाकी है.
– आरोपी के बयान पर आधारित पुलिस की कहानी
पुलिस का कहना कि इस घटनाक्रम में दो पिस्टल उपयोग किए गए. जिनमें से उन्हें वह पिस्टल मिल गई है, जिससे रंजन ने महिमा कि हत्या की थी. जबकि दूसरी पिस्टल गायब है. जैसा कि पुलिस का मानना है कि इसी पिस्टल से ब्रिजेश ने सुसाइड कर लिया. लेकिन अगर ब्रजेश के सिर से निकली गोली और इस जब्त पिस्टल की बैलेस्टिक रिपोर्ट अलग-अलग आती है तो फिर कहानी में पेंच आ जाएगा.
रंजन ने पुलिस ये नहीं उगलवा पाई है कि ब्रिजेश ने पत्नी-बेटी की मौत का षड्यंत्र क्यों रचा था. हालांकि पुलिस का कहना है कि खुद रंजन को भी आखिरी वक्त तक नहीं मालूम था कि ब्रिजेश, उससे अपनी ही बेटी-पत्नी को मरवाना चाह रहा है. इसलिए उसकी इस मसले पर कोई चर्चा ही नहीं हो पाई.
रंजन के बयानों पर आधारित पुलिस की कहानी पर भरोसा कर भी लें तो ब्रजेश अपनी उस बेटी को क्यों मरवाना चाहेगा, जिसका कोई बीमा नहीं था. पत्नी का भी बीमा भी ज्यादा राशि का नहीं था, हालांकि उसने उसे भी नहीं मारा.
पुलिस अब तक ये भी मालूम नहीं कर पाई है कि ब्रजेश व उसके परिजनों की बीमा पॉलिसी साधारण थी या टर्म प्लान पर आधारित थीं.
पुलिस को रंजन और ब्रजेश के बीच में हुई बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग तो मिल गई है लेकिन उन्हें सूदखोरों की धमकी भरे कॉल्स की रिकॉर्डिंग का कोई डाटा नहीं मिला है.