By: Snehlata
गुरुग्राम: एक्सप्रेसवे टावर्स गुरुग्राम बायर्स एसोसिएशन के अलॉटियों ने 12 जुलाई 2025 को सिविल लाइंस स्थित रेरा कार्यालय के पास अपने रुके हुए किफायती आवासीय प्रोजेक्ट “एक्सप्रेसवे टावर्स” (सेक्टर 109, गुरुग्राम) के संदर्भ में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। हाल ही में 11 जुलाई 2025 को डीटीसीपी कार्यालय ने बिल्डर के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए, क्योंकि बिल्डर ने अलॉटियों की यूनिट्स को खुले बाजार में धोखाधड़ी से बेच दिया, जबकि बिल्डर का डीटीसीपी लाइसेंस निलंबित था। यह निलंबन बिल्डर द्वारा नियमों के उल्लंघन, लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और ईडीसी बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण किया गया था।
पूर्व डीटीसीपी श्री टी.एल. सत्यप्रकाश ने फरवरी 2023 में रेरा को बिल्डर के अकाउंट्स की फोरेंसिक ऑडिट कराने को कहा था, क्योंकि बिल्डर ने फंड की कमी का हवाला दिया था, जबकि अलॉटियों से 95% से अधिक भुगतान पहले ही वसूल लिया गया था और निर्माण कार्य प्रोजेक्ट में मात्र 60% ही पूरा हुआ था। अन्य दो प्रोजेक्ट — सेक्टर 69 (गोल्फ हाइट्स) और सेक्टर 70 (दि वेनेशियन) — में तो निर्माण कार्य क्रमशः 10-15% ही हुआ।
श्री टी.एल. सत्यप्रकाश ने 2023 में इन रुकी परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने हेतु एक ब्लूप्रिंट भी तैयार किया था और एनआईएफएम फरीदाबाद से टेक्नो-फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी शुरू करवाई थी ताकि तीसरी पार्टी एजेंसी से प्रोजेक्ट तुरंत पूरा कराया जा सके।
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हालांकि, रेरा ने फरवरी 2023 से लेकर अब तक बिल्डर के खातों की फोरेंसिक ऑडिट नहीं करवाई और 27 मार्च 2025 को डीटीसीपी को पत्र लिखकर बिल्डर के लाइसेंस की स्थिति पर निर्णय लेने को कहा, क्योंकि वह डीटीसीपी नियम 1975 के उल्लंघन और कई लंबित मामलों के चलते निलंबित था।
ऐसा प्रतीत होता है कि डीटीसीपी और रेरा दोनों ही जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं और बिल्डर के खिलाफ फोरेंसिक ऑडिट या प्रोजेक्ट को जब्त कर तीसरी पार्टी से पूरा कराने जैसी कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे, जैसा कि यूपी रेरा, नोएडा प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रूप से किया जा रहा है। इन दोनों एजेंसियों ने बिल्डर के प्रति बेहद नरम रवैया अपनाया है, जिसने खरीदारों से भारी-भरकम फंड एकत्रित कर लिया और अब प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ दिया।
बिल्डर ने आज तक शहर में कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया है, जबकि उसने किफायती आवासीय प्रोजेक्ट्स के लिए आवेदन किए थे, जिससे 3000 से अधिक खरीदारों के सपनों को गहरा आघात लगा है। खरीदार लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, पर उनके सपनों के घरों के लिए कोई समाधान नहीं निकल रहा।
ऋतु राजवीर सिह, (Flat owner) एक्सप्रेस वे टावर्स Sector 109 गुरुग्राम, “ओशियन सेवन बिल्डटेक को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पुरा करके बायर्स को सौंपना चाहिए। इस प्रोजेक्ट को शुरू हुए 09 वर्ष हो चुके है और मिडिल क्लास खरिवार अब किश्ते भरते और किराये देते थक गए है और अब DTCP व हरियाणा RERA को आगे आकर खोजेक्ट पुरा करवाना ही चाहिए। नववर्ष से हमें गृहप्रवेश चाहिए।”
एक्सप्रेसवे टावर्स (सेक्टर 109) के एक अलॉटी ने बताया कि उन्हें 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ड्रॉ ऑफ लॉट्स के जरिए अलॉटमेंट मिला था। हाल के समय में बिल्डर ने धोखाधड़ी से ड्रॉ ऑफ लॉट्स में अलॉट किए गए यूनिट्स की बिक्री शुरू कर दी है और पिछले हफ्ते दो मामलों में यूनिट्स को 55-60 लाख रुपये में खुले बाजार में बेच दिया गया, जबकि डीटीसीपी के निलंबन आदेश और रेरा द्वारा थर्ड पार्टी राइट्स लागू थे।
बिल्डर को किसी भी प्राधिकरण का कोई डर नहीं है। उसने ज़मीन के मालिक श्री भगवान को भी 26 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते दिल्ली हाईकोर्ट में श्री भगवान बनाम ओशन सेवन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड का केस भी दर्ज है।
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ओशन सेवन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के 3000 खरीदारों का भविष्य अंधेरे में है और वे मुख्यमंत्री कार्यालय, रेरा और डीटीसीपी के चक्कर काट रहे हैं, पर कोई नतीजा नहीं निकल रहा। हाल ही में 4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने खरीदारों को आश्वस्त किया कि बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और हरियाणा हाउसिंग विभाग से जवाब मांगा गया है।