जननी शिशु सुरक्षा योजना के भोजन वितरण मे धांधली : करोड़ो का भ्रष्टाचार
जामनेर (नरेन्द्र इंगले) : जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत जिला , उपजिला तथा ग्रामीण असपतालो मे गर्भवती स्तनदा माताओ को दिए जाने वाले दो वक्त के भोजन मे मेन्युकार्ड से छेड़छाड़ का मामला खुले आम सामने आ रहा है . मामले को लेकर हमने ग्राउंड फैक्ट को चेक किया तो पता चला कि वास्तविकता काफी परेशान करने वाली है . सुबह के नाश्ते मे एक कप चाय सूजी उपमा या पोहा देने के बजाय एक कप चाय और बिस्कुट का 5 रु वाला पैकेट दिया जा रहा है . 4 बजे का नाश्ता गायब कर दिया जाता है . दोपहर के खाने मे कुछ कटौती है . रात को दिए जाने वाले डिनर मे दाल , चावल , रोटी , 3/4 प्रकार की हरी सब्जी के बजाय कढ़ी खिचड़ी या बेसन रोटी पर निपटाया जा रहा है . 5 अक्टूबर को बोदवड ग्रामीण अस्पताल मे डिलीवरी की कोई केस एडमिड नही थी इस लिए उस दिन का भोजन वितरण बंद था . गर्भवती स्तनदा माताओ ने बताया कि भोजन दिया जाता है पर मेन्युकार्ड हमे दिखाया नही जाता . बोदवड अस्पताल प्रशासन ने कहा कि अंबेजोगाई के किसी व्यक्ति ने भोजन का ठेका लिया है . इस प्रकार से पूरे महाराष्ट्र मे ठेकेदार ने अपने मर्जी के सब ठेकेदार नियुक्त कर रखे है . मरीजो को इस योजना के बारे मे पता भी नही है जिसके कारण मरीज अपने घर से टिफिन लाते है . कई असपतालो मे योजना कागज पर रेकॉर्ड कर लाखो रुपयो के बिल पास करवा दिए जा रहे है . योजना का पैसा सरकारी खजाने से सीधे जिला शल्य चिकित्सक को और वहाँ से NGO को अदा किया जा रहा है . विशेष सूत्रो से यह पता चला है कि इस योजना का ठेका कांग्रेस के किसी विधायक ने नासिक की एक NGO के नाम पर ले रखा है . जामनेर NCP ब्लाक के एक पदाधिकारी ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर इस मामले को उजागर किया है . कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहां की कोरोना काल मे सरकारी तिजोरी का फंड स्वास्थ सेवा पर खर्च किए जाने की वजह से विकास कार्यो पर प्रभाव पड़ा है जिससे हमे उबरना है . सरकार को जननी शिशु सुरक्षा योजना मे हो रहे इस भ्रष्टाचार की जांच करानी चाहिए ताकि ठेकेदारो को हो रहे धनलाभ और अधिकरियो कि घूसख़ोरी पर अंकुश लगकर यह योजना भ्रष्टाचार की दलदल से उबर सके . अगले महीने विधानसभा का शीतसत्र होना है उम्मीद है कि विपक्ष की ओर से इस स्कैम का पर्दाफाश किया जाएगा .