पुणे (तेज समाचार डेस्क)। कुख्यात गैंगस्टर गजानन मारणे के जेल से बाहर निकलने का रास्ता अब साफ हो गया है। मारणे और उसके 15 साथियों को पप्पू गावडे खून के मामले में बरी कर दिया गया है। विशेष मकोका न्यायाधीश ए. वाय. थत्ते ने इसका फैसला सुनाया। इससे कुछ दिन पहले ही अमोल बधे की हत्या मामले से भी उसे बरी कर दिया गया था। अब गावड़े हत्या के मामले से बरी होने के बाद अब गजानन मारणे का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
गजनान उर्फ गजा पंढरीनाथ मारणे (44, हमराज चौक, शास्त्रीनगर कोथरुड), रुपेश कृष्णराव मारणे, पपू उर्फ अतुल लक्ष्मण कुडले (30), संतोष विश्वनाथ शेलार, सुनील नामदेव बनसोडे, सागर कल्याण राजपूत, गणेश नामदेव हुंडारे, प्रदीप दत्तात्रय कंधारे, अनंता ज्ञानोबा कदम, बाब्या उर्फ श्रीकांत संभाजी पवार, बापू श्रीमंत बागल, गोरक्षनाथ तुकाराम हाळदे, यशवंत उर्फ बाळा दासू बोकेफोडे व उमेश नागु टेमघरे ऐसे उक्त मामले में बरी किये गए लोगों के नाम है। इस मामले में पौड पुलिस थाने में निलेश जाधव ने शिकायत दर्ज कराई थी।
दो गैंगों के बीच की टकराव के चलते गैंगस्टर गजा मारणे की गैंग ने नवंबर 2014 में देर रात पप्पू गावडे की बड़ी बेरहमी से हत्या की गई थी। इसके बाद शहर समेत जिले में हड़कंप मच गया था। इस मामले में पौड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद जिसके बाद पुलिस ने मकोका कारवाई की थ। इस पर आज न्यायालय से फैसला भी आ गया। कोर्ट ने गजा मारणे और उसके साथियों को बरी कर दिया। अदालत ने आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण छोड़ दिया है।