हापुड़ (तेज समाचार डेस्क). हापुड़ और गाजियाबाद के बीच एनएच-24 पर एक 30 वर्षीय महिला के साथ ऑटो में गैंगरेप हुई. दरिंदे रात में लगभग 3 घंटे तक यह खेल खेलते रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता मदद के लिए हाईवे पर पुलिस के पास दौड़ती रही. अंधेरी और सर्द रात में अकेली पीड़िता घंटों तक अकेली दौड़ी. पैदल ही मसूरी थाने तक पहुंची, लेकिन पुलिस ने वहां पर उसकी कोई सुनवाई नहीं की. घटना को लेकर पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया गया. उसके बाद मामला हापुड़ जिले का बताकर उसे टाल दिया गया.
मौल में नौकरी करती है महिला
पुलिस के मुताबिक, पीड़िता पौने नौ बजे गाजियाबाद के एक मॉल से अपनी ड्यूटी खत्म कर अपनी किसी सहेली के साथ सम्राट चौक विजय नगर तक पहुंची थी. जहां से वह लालकुआं गाजियाबाद से जाने के लिए ऑटो में सवार हुई थी. ऑटो लालकुआं से नीचे जाना था, लेकिन पहले से युवती को बीच में लेकर बैठे बदमाश उसका अपहरण कर उसे मसूरी बॉर्डर के पास एक रजवाहे में ले गए. इसके पहले ऑटो में ही उसके साथ बदतमीजी की शुरुआत हुई. इसके बाद उन तीनों ने बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया. गैंगरेप के बाद आरोपी पीड़िता को हाईवे के पास गांव गालंद के बाहर छोड़ गए.
पुलिस गश्त के दावों की खुली पोल
इस घटना ने दिल्ली-लखनऊ हाईवे जैसे व्यस्ततम हाईवे पर गाजियाबाद से लेकर हापुड़ तक पुलिस गश्त के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है. हापुड़ पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा, लेकिन सवाल यह है कि जब रात को पीड़िता दौड़ रही थी तो गाजियाबाद पुलिस उसकी आवाज सुनकर रास्ते में ऑटो को रुकवा सकती थी, क्योंकि ऑटो गाजियाबाद ही वापस गया होगा, पर ऐसा नहीं हुआ.