कन्याकुमारी (तेज समाचार डेस्क). तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक रोमन कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने भारत और हिंदुओं के ख़िलाफ़ जमकर जहर उगला है। इस पादरी ने सिर्फ भारत माता, सनातन धर्म ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित साह के ख़िलाफ़ भी जमकर जहर उगला है। हालांकि इस पादरी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
कन्याकुमारी के अरुमनई में 18 जुलाई 2021 को आयोजित एक सभा में ‘जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु’ नामक NGO के सलाहकार व ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने बेहद आपत्तिजनक भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने भारत माता से लेकर पीएम मोदी तक के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
डीएमके को हमारे वोटों के कारण मिली : पादरी
तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों के नाम का जिक्र करने के बाद इस पादरी ने अपने भाषण में कहा कि DMK ने हमारे (ईसाई और मुस्लिम) वोटों के कारण सबसे दक्षिणी जिलों में चुनाव जीता। उसने आगे कहा, “DMK को मिली जीत हमारे द्वारा दी गई भिक्षा थी।” भाषण के दौरान खुलासा करते हुए पादरी ने कहा, “हमारा (ईसाई और मुस्लिम) बहुमत इस क्षेत्र में 60% से अधिक है जो बढ़कर 70% और उससे अधिक हो जाएगा। इसे कोई नहीं रोक सकता।”
ईसाई पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने नागरकोइल के भाजपा विधायक और भारत माता के लिए बेहद अपमान जनक भाषा में कहा कि,“एम आर गांधी ने जूते नहीं पहने हैं क्योंकि वह‘भारत माता’को चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं। हम इसलिए चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”
पादरी ने आगे कहा,“अगर हमारा भगवान जीवित है, तो वह एक दिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सजा देगा। उनके सड़े हुए शरीर को कीड़े और कुत्ते खा जाएंगे। ऐसा एक दिन जरूर होगा।’’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने जॉर्ज के विरुद्ध हुई शिकायतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं में जॉर्ज के ख़िलाफ़ मामले दर्ज हैं और मामले में आगे जाँच की जा रही है। उनके भाषण की वीडियो वायरल होने के बाद से पूरे तमिलनाडु में उन पर 30 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
स्टेन स्वामी के निधन के बाद 18 जुलाई को कन्याकुमारी के अरुमनई में ये सभा बुलाई गई थी। इस कार्यक्रम में जॉर्ज पोन्नैया ने यह भाषण दिया था। हालांकि अब उसने माफ़ी मांग ली है परन्तु यह पहली बार नहीं है जब पादरियों और DMK के समर्थकों से हिन्दुओं के खिलाफ इस तरह के बयान सामने आए हों। यह घृणा समाज के अंदर तक भरी हुई है। हालाँकि पादरी ने जनसँख्या की जो बात कही वह गलत नहीं है।
2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु में 44 लाख ईसाई थे, जो राज्य की आबादी का लगभग छह प्रतिशत है। तमिल ईसाई देश में कुल ईसाई आबादी का लगभग 15 प्रतिशत हैं। हालांकि ईसाई पूरे राज्य में समान रूप से फैले हुए हैं, लेकिन तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में उनकी आबादी अधिक है।
कन्याकुमारी जिले में ईसाइयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जहां जनसंख्या में ईसाइयों की हिस्सेदारी 1921 में 30.7 प्रतिशत से बढ़कर 1951 में 34.7 प्रतिशत हो गई और तब से यह बढ़कर 46.8 प्रतिशत हो गई है। अब जॉर्ज पोन्नैया ने दावा किया है कि यह आंकडे 60 से 70 प्रतिशत के बीच में या उससे भी अधिक हो सकती है।
DMK के समर्थन के बारे मे बयान दिखाता है कि DMK और इसाई मिल कर खेल खेल रहे हैं। डीएमके एक मुस्लिम-ईसाई पार्टी है। स्टालिन सरकार को लेकर हमेशा ही कहा गया है कि ये हिन्दुओं के प्रति अपनी नफरत जाहिर करते हुए दबे पांव ईसाईयों और अन्य अल्पसंख्यक धर्मों के लोगों का तुष्टीकरण करने में लगी रहती है। करूणानिधि के पुत्र स्टालिन सनातन धर्म की वास्तविकता पर ही सवाल खड़े कर चुके हैं। स्टालिन की थिरुमावलवन के प्रति निष्ठा है, जो सनातन धर्म को तमिलनाडु से हटाने का भी संकल्प ले चुका हैं।
आजकल स्टालिन खुले तौर पर हिंदुओं और उसके रीति-रिवाजों की आलोचना कर रहे हैं जो सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान आकर्षित करता है। अब खुलेआम पादरियों द्वारा हिन्दुओं और भारत माता के खिलाफ विष उगला जा रहा है। अंत में सवाल वही है कि क्या पादरी को गिरफ्तार करने से सबकुछ ठीक हो गया ? क्या उसने जो सनातन को लेकर, जो भारत माता को लेकर, जो पीएम मोदी को लेकर जहर उगला वो खत्म हो गया ? क्या पादरी सिर्फ एक प्यादा भर नहीं है? सनातन धर्म के ख़िलाफ़ असली चालें तो कोई और एक बड़ी साज़िश के तहत चल रहा है ? क्या इस साज़िश के पीछे सीधे-सीधे चर्च का हाथ नहीं है ? पादरी को नियुक्त करने में तो चर्च की ही भूमिका होती है तो क्या ऐसे पादरी को चर्च जानकर चुनते हैं?