• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

गांधीजी की रामराज्य संकल्पना द्वारा ही पर्यावरण का संरक्षण

Tez Samachar by Tez Samachar
September 29, 2018
in Featured, खानदेश समाचार
0
गांधीजी की रामराज्य संकल्पना द्वारा ही पर्यावरण का संरक्षण
नॅशनल गांधीयन लिडरशीप कॅम्प में दिलीप कुलकर्णी का प्रतिपादन

 जलगांव ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि )- विश्व के सभी देश जीडीपी बढ़ाने का ध्येय रखे हुए है। उसके लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतर उपयोग कर पर्यावरण को बड़ी मात्रा में हानी पहुँच रही है। पर्यावरणीय प्रदुषण और जागतिक स्पर्धा के कारण मनुष्य को तणाव के साथ-साथ शारिरीक व्याधियों का भी सामना कर पड रहा है। इसके लिए गांधीजी ने बतलायी हुई ग्रामस्वावलंबनद्वारा रामराज्य का विकास यह संकल्पना महत्वपूर्ण है। इस संकल्पना से पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखते हुए विकास साध्य किया जा सकता है, ऐसा प्रतिपादन दिलीप कुलकर्णी ने व्यक्त किया।

 गांधी रिसर्च फाउण्डेशन की ओर से आयोजित नॅशनल गांधीयन लिडरशील कॅम्प के तीसरे दिन के सत्र में वे बोल रहे थे। ‘पर्यावरण का प्रारूप’ इस विषय पर उन्होंने अर्थशास्त्रीय पद्धति से विकास की संकल्पना स्पष्ट की। हवा, पानी, जमीन यह जीवन के मूल आधार है और विकास के नाम पर इसमें मानवी प्रदुषण हो रहा है, ऐसा उन्होंने कहा।  पर्यावरण संतुलन के लिए प्रत्येक जीवन बदलनी चाहिए इसके लिए गांधीजी के ग्रामस्वराज्य का विचार महत्वपूर्ण है उसका प्रत्यक्ष जीवन में उपयोग करना चाहिए।

शारिरीक, मानसिक, बौध्दिक, अध्यात्मिक विकास से ही परिवार,समाज और उससे राष्ट्र के साथ-साथ निसर्ग का संतुलन रखा जाता है। इसके लिए प्रत्येक का धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष यह भारतीय परम्परा के विकास के शाश्वत साधन है। उसे हर एक ने अपनाना चाहिए। गांधीजी ने बतलाये हुए विकासनिति के लिए जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि, भारत का विकास ग्राम में है और पर्यावरणीय दृष्टि से ग्रामीणभाग स्वावलंबी होने चाहिए। इसलिए हर एक ने प्रयास करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर युवाओं ने सद्यस्थिति के पर्यावरणीय समस्याओं पर प्रश्न और उसके संबंधी उपाय योजनाएँ दिलीप कुलकर्णी से समझी। गांधी रिसर्च फाउण्डेशन के सहयोगी आशुतोष कुमटेकर ने प्रास्ताविक किया और अश्विन झाला ने सूत्रसंचालन और आभार प्रकट किया। सत्र के दौरान सुबहत सामुहिक प्रार्थना एवं सूत कताई की गई।

Previous Post

कोचिंग ले रहे हैं राहुल गांधी!

Next Post

बरगद ,नेहरू डायनेस्टी और नरेंद्र मोदी

Next Post
बरगद ,नेहरू डायनेस्टी और नरेंद्र मोदी

बरगद ,नेहरू डायनेस्टी और नरेंद्र मोदी

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.