औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). मराठवाड़ा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सतीश चव्हाण ने औरंगाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (घाटी ) में ‘एजेंटों ’के हस्तक्षेप को रोकने की मांग पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद से की है. विधायक सतीश चव्हाण ने बुधवार को औरंगाबाद में कोरोना की पृष्ठभूमि पर सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (घाटी) का दौरा किया.
पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन
विधायक सतीश चव्हाण ने दौरे के बाद शहर के पुलिस आयुक्त चिरंजीव प्रसाद को दिये ज्ञापन में कहा कि घाटी में ‘एजेंटों’ का हस्तक्षेप दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और इस पर अंकुश लगाना जरूरी है.घाटी को बेहद गरीब मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में जाना जाता है.मराठवाड़ा, अहमदनगर , जलगांव, धुलिया, बुलढाणा और अन्य जिलों से भी मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं.एक मरीज की जान बचाने के लिए कभी-कभी रक्त की आवश्यकता होती है.इस मामले में घाटी में ब्लड बैंक से रक्त की आपूर्ति की जाती है.लेकिन मरीज को जरुरी ब्लड ग्रुप उपलब्ध नहीं है, तो इमरजेंसी की स्थिति में मरीज के परिजनों को बाहर से ब्लड लाने के लिए कहा जाता है.उस समय, अस्पताल परिसर में घूमने वाले एजेंट मरीजों के रिश्तेदारों को देखते हैं और अपने संबंधित रक्त बैंकों से रक्त प्राप्त कराकर देते हैं.विधायक सतीश चव्हाण ने कहा कि ‘एजेंट’ मरीजों के रिश्तेदारों से अतिरिक्त पैसा वसूलते हैं. इसी तरह, दवाओं के मामले में, विभिन्न रोगियों के रिश्तेदारों को ‘एजेंट’ द्वारा ठग लिया जा रहा है और यह समझा जाता है कि कुछ मेडिकल मालिक इसके लिए ‘एजेंट’ को कमीशन दे रहे हैं.ये ‘एजेंट’ ऐसा व्यवहार करते हैं मानो वे घाटी के कर्मचारी हैं. विधायक सतीश चव्हाण ने मांग की है कि घाटी में ‘एजेंटों’ को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन उचित कार्रवाई करें.