लकवाग्रस्त मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, समाज में स्ट्रोक के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अस्पताल द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी तरह, एक सेकंड ओपिनियन क्लिनिक शुरू किया गया है, ताकि पक्षाघात वाले मरीज किसी अन्य डॉक्टर से अपनी बीमारियों के बारे में सलाह ले सकें। यह क्लिनिक लकवाग्रस्त मरीजों को उनके उपचार के बारे में सटीक सलाह देने में मदद करेगा। प्रसिद्ध मस्तिष्क और स्ट्रोक विशेषज्ञ डॉ. शिरीष एम हस्तक क्लिनिक का नेतृत्व करेंगे। परेल स्थित ग्लोबल अस्पताल के स्ट्रोक और न्यूरोक्रिटिकल केअर के क्षेत्रीय निदेशक परेल डॉ. शिरीष एम हस्तक ने कहॉं की, ” लकवाग्रस्त मरीजों के रिश्तेदारों को इलाज के बारे में सलाह मिले इसलिए क्लिनिक शुरू किया है। इससे लकवाग्रस्त रोगी की चिकित्सा स्थिति का भी पता चल जाएगा और मरीज को उपचार की आवश्यका है या नहीं यह भी समज आऐगा। मरीजों को फिजियोथेरेपी और पुनर्वास से गुजरने की सलाह दी जाएगी। क्लिनिक शुरू करने का मुख्य उद्देश्य लकवाग्रस्त मरीजों के जीवन को बचाना है। ”
ग्लोबल हॉस्पिटल (मुंबई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विवेक तलौलीकर ने कहॉं की, “लकवा से पीड़ित लोगों को इस क्लिनिक से बहुत फायदा होगा। यदि एक स्ट्रोक मरीज का समय पर निदान और उपचार किया जाता है, तो मरीज जल्दी से ठीक हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, लकवाग्रस्त मरीजों का जल्द से जल्द इलाज कराना हमारा मुख्य उद्देश है। इसके अलावा, क्लिनिक स्ट्रोक के मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। “