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लघु व मध्यम उद्यमियों के लिए खाड़ी देशों में सुनहरे अवसर : सरकार

Tez Samachar by Tez Samachar
July 18, 2019
in Featured, पुणे, प्रदेश
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लघु व मध्यम उद्यमियों के लिए खाड़ी देशों में सुनहरे अवसर : सरकार
– इंडिया-अरब कंट्रीज चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के विचार 
– युवा उद्योगपतियों को सुनहरे अवसर का लाभ उठाने की दी नसिहत

पुणे (तेज समाचार डेस्क). खाड़ी देशों में उभरते उद्योगपतियों व स्कील्ड मेन पॉवर के लिए अपार संधि है. खाड़ी देशों में कृषि से लेकर हर प्रकार के उद्योगधंधों के लिए काफी स्कोप है. हमारे युवा उद्योगपतियों को इसका लाभ उठाते हुए खाड़ी देशों के इन सभी अवसरों का भरपूर लाभ उठाना चाहिए. यह नसिहत इंडिया-अरब कंट्रीज चेंबर्स ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष अनिरबन सरकार ने दी.

पुणे श्रमिक पत्रकार संघ की ओर से आयोजित वार्ता में अरब देशों में भारतीय उद्योगपतियों के लिए अवसर विषय पर चर्चा कर रहे थे.

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अस्थितता का जीवन जी रहे खाड़ी के लोग
सरकार ने कहा कि खाड़ी देशों के लोग आज भी अस्थिरता का जीवन जी रहे हैं. वहां पर बिजली प्रोजेक्ट्स, हॉस्पिटल्स, होटल्स व मल-जल प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए भारतीय इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स, विशेषज्ञों व कुशल तकनीशियनों की जरूरत है. वहां उद्योग व्यवसाय स्थापित करने के लिए भारत के लघु व मध्यम उद्योगपतियों (एमएसएमई सेक्टर) के लिए बड़े अवसर हैं. अनिरबन सरकार ने अरब देशों के खानपान, ऊर्जा परियोजनाओं, मेडिकल सर्विस आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

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भारत से व्यापारिक सहयोग की उम्मीद
अनिरबन सरकार ने कहा कि इराक, यमन, सीरिया, इजिप्ट व लीबिया जैसे खाड़ी  देशों की जनता अस्त-व्यस्त जीवन जी रही है. उन्हें विकास की जरूरत है और इस वजह से वे भारत के साथ भागीदारी में व्यवहार करने के लिए भी इच्छुक हैं. इंडिया अरब चेंबर के जरिए वहां भारत के लघु उद्यमियों को व्यवसाय के अवसर उपलब्ध कराने रोडमैप बनाया गया है. सड़कें अच्छी होने पर विकास को गति मिलती है और इस वजह से इन देशों को भारत से व्यापारिक सहयोग की उम्मीद है.

– भारतीय स्कील की बड़ी मांग
उन्होंने कहा कि अमेरिका, रूस व चीन से ज्यादा इन देशों के लोगों का भारत के लोगों पर ज्यादा विश्वास है, क्योंकि भारत के बुद्धिमान इंजीनियरों, तकनीशियनों व आर्किटेक्ट्स की वहां मांग है. इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए इन देशों को विदेशी निवेश की जरूरत है. सरकार ने बताया कि अभी तक इन देशों में जितना भी विकास हुआ है, उस आश्चर्यजनक विकास की नींव में भारतीय दिमाग है. खाड़ी देशों में भारतीय दिमाग की सर्वाधिक मांग है. वहां के लोग न सिर्फ भारतीय कौशल का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि उनके मन में अन्य देशों के नागरिकों की तुलना में भारतीयों के प्रति गहन सम्मान भी है.

– कृषि क्षेत्र में भी भरपूर स्कोप
सरकार ने कहा कि खाड़ी देशों में कृषि उत्पादन काफी कम होता  है. उनकी तुलना में भारत कृषिप्रधान देश है. वहां अनाज की जरूरत को पूर्ण करने के लिए भी भारत के एमएसएमई सेक्टर को अवसर हैं. चीन ने खाड़ी देशों में 400  मिलियन डॉलर का निवेश किया है. रूस भी तेल व्यवसाय में निवेश कर रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के लिए वे भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. एग्रीकल्चर में शिक्षा पूरी करने के बाद हमारे युवा खाड़ी देशों में जा कर वहां एग्रीकल्चर में अपना भविष्य तलाश सकते हैं. इसके लिए भारत सरकार भी उनकी मदद करती है. वार्तालाप के आरंभ में पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रसाद कुलकर्णी व महासचिव चंद्रकांत हंचाटे ने संघ की ओर से अनिरबन सरकार का स्मृतिचित्र स्मरणिका देकर सम्मान किया.

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– महाराष्ट्र के युवाओं को बदलनी होगी मानसिकता
अनिरबन सरकार ने महाराष्ट्र के युवाओं के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे देश में महाराष्ट्र का युवा लॉक मानसिकता का शिकार है. यहां के युवकों में भरपूर कौशल का भंडार है. वे अपने इस कौशल का सदुपयोग खाड़ी देशों में जा कर कर सकते हैं. लेकिन देखा गया है कि यहां की युवा शक्ति महाराष्ट्र छोड़ कर बाहर निकलने में संकोच करती है. हमारी युवा शक्ति को चाहिए कि वे इस लॉक मानसिकता को तोड़ कर बाहर निकलने का विचार करें, तो उनका और देश का भविष्य उज्जवल है.

– सामाजिक वातावरण की चिंता न करें
अनिरबन सरकार ने कहा कि खाड़ी देशों के बारे में पूरे देश में काफी नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है. बताया जाता है कि वहां डैमेज है और वहां का सामाजिक माहौल अच्छा नहीं है. इसी कारण लोग खाड़ी देशों में जाने से ड़रते है. जबकि हकीकत इसके ठीक विपरित है. पूरी दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं होगा, जहां डैमेज नहीं होता, लेकिन यह माहौल पूरे देश में नहीं होता. जिस प्रकार हमारे देश में भी गडचिरोली, कश्मीर जैसे कई इलाके ऐसे है, जहां डैमेज है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि पूरे भारत में ही डैमेज है. बाकी जगहों पर अच्छा वातावरण है और वहां विकास हो रहा है. इसी प्रकार अन्य देशों में भी डैमेज एडमॉसफियर के कुछ चुनिंदा क्षेत्र है, जबकि शेष देश में वातावरण काफी अच्छा है.

– रिक्स फैक्टर पूरी दुनिया में है
सरकार ने कहा कि व्यापार-उद्योग में लाभ-हानि और जीवन का जोखिम तो पूरी दुनिया में है. आप जहां रहते है, वहां भी यहीं स्थिति है. तो जोखिम तो आपको हर जगह उठाना ही पड़ेगा. बिना जोखिम उठाए हम कभी भी और कहीं से भी आगे नहीं बढ़ सकते. सरकार ने अंत में कहा कि खाड़ी देशों में आज हर क्षेत्र में जो अवसर निर्माण हो रहे हैं, उसका फायदा भारतीय युवाओं को उठाना चाहिए. आप एक कदम आगे बढ़ाइए मैं स्वयं और भारत सरकार आगे कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ने के लिए सदैव तैयार है.

Tags: Anirban SarkarMedian IndustriesScopeSmall industriesलघु व मध्यम उद्यमियों के लिए खाड़ी देशों में सुनहरे अवसर : सरकार
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