श्रीनगर (तेज समाचार डेस्क). गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर केन्द्र और राज्यों के बीच 90 प्रतिशत वस्तुओं को लेकर सहमति बन गई है. कुल चार स्तर की दरें रखी गई हैं. इनके लागू होने से रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें कम होनी तय हैं. दूध और अनाज को टैक्स मुक्त रखा गया है.
जीएसटी काउंसल श्रीनगर में शुरू अपनी दो दिन की बैठक के पहले दिन 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण कर लिया है. रोजमर्रा के इस्तेमाल की आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत की न्यूनतम दर रखी गयी है.
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने बैठक के पहले सत्र में वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत नियमों को भी मंजूरी दी. जीएसटी एक जुलाई से लागू किए जाने की योजना है. परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 80 से 90 प्रतिशत वस्तुओं, सेवाओं के बारे में यह तह हो गया है कि उन्हें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के कर ढांचे में कहां रखा जाएगा.
फिटमेंट इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर नयी कर व्यवस्था के कारण कर का बोझ नहीं बढ़े. इसलिए वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सेवा कर को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है. समझा जाता है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक संपन्न होने के बाद तय कर दरों का पूरा ब्योरा उपलब्ध हो पाएगा.
विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने रेशमी धागे, पूजा की सामग्री और हस्तशिल्प उत्पादों को जीएसटी दरों में छूट की मांग की है. हालांकि, जेटली का मानना है कि जीएसटी के तहत न्यूनतम छूट दी जानी चाहिए और यह आवश्यक होने पर ही दी जानी चाहिए.
– किस वस्तु पर कितना लगेगा टैक्स
- मिठाई, खाद्य तेल, चीनी, कॉफी, चाय, मसाले और कोयला जैसी वस्तुओं पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा.
- साबुन, बाल में लगाने वाले तेल और टूथ पेस्ट पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा.
- एंटरटेनमेंट, होटल और रेस्तरॉ में खाना खाने पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा.
- लक्जरी आइटम, जैसे छोटी कारों पर 28 फीसदी सेस लगेगा.
- एसी और फ्रीज पर 28 टैक्स लगेगा. अभी 30 फीसदी लगता है.
- राजस्व सचिव के मुताबिक 1211 वस्तुओं में से 7 फीसदी वस्तुओं को टैक्स से छूट दिया गया है.
- 14 फीसदी वस्तुओं को 5 फीसदी टैक्स के दायरे में, 17 फीसदी वस्तुओं को 12 फीसदी टैक्स के दायरे में, 43 वस्तुओं को 18 फीसदी टैक्स के दायरे में रखा गया है.