– 6 महीने में लागू होगी मंथली सिंगल रिटर्न व्यवस्था
– डिजिटल पेमेंट पर छूट पर नहीं हुआ फैसला
– चीनी पर फिलहाल नहीं लगेगा सेस
– जीएसटी नेटवर्क को पूरी तरह सरकारी कंपनी बनाने पर सहमति
– डिजिटल पेमेंट पर टैक्स छूट के प्रस्ताव पर कुछ राज्यों को आपत्ति
– कारोबारियों को महीने में तीन रिटर्न फाइल करने से राहत मिलेगी
– सरकार निजी कंपनियों से जीएसटीएन की 51% हिस्सेदारी खरीदेगी
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). शुक्रवार को जीएटसी काउंसिल की 27वीं बैठक में जिस प्रकार उम्मीद जताई जा रही थी कि डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने पर निर्णायक चर्चा होगी, लेकिन दुर्भाग्यवश शुक्रवार को इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हो सकी. साथ ही डिजिटल पेमेंट पर टैक्स में छूट के प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो पाया. शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में व्यापारियों के लिए सिंगल रिटर्न की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया गया. मंथली सिंगल रिटर्न की व्यवस्था 6 महीने में लागू हो जाएगी, जिसके बाद कारोबारियों को तीन रिटर्न भरने से राहत मिलेगी. शुक्रवार को हुई काउंसिल की बैठक में चीनी पर सेस लगाने और डिजिटल पेमेंट पर टैक्स में छूट के प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो पाया. हालांकि, फिलहाल चीनी पर सेस नहीं लगाया जाएगा. दोनों मामले राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को सौंप दिए गए हैं. बैठक में जीएसटी नेटवर्क को सरकारी कंपनी बनाने पर भी फैसला लिया गया है. इसके तहत 50% हिस्सेदारी केंद्र के पास और 50% हिस्सेदारी संयुक्त रूप से राज्यों के पास रहेगी.
– मंथली सिंगल रिटर्न पर बनी सहमति
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक में रिटर्न प्रकिया आसान बनाने पर महत्वपूर्ण फैसला हुआ. वित्त सचिव हसमुख अढ़िया ने बताया कि सिंगल मंथली रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था 6 महीने में लागू हो जाएगी. इससे जीएसटी के दायरे में आने वाले करोड़ों कारोबारियों को राहत मिलेगी. फिलहाल व्यापारियों को हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने पड़ते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है.
– पेट्रोल-डीजल पर नहीं हुई चर्चा
शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में देश की जनता को उम्मीद थी कि डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में लाने पर निर्णायक चर्चा होगी, लेकिन कुछ राज्य इस बात से सहमत न होने के कारण इस विषय पर इस बैठक में चर्चा नहीं हो पाई. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी बैठक में शायद डीजल पेट्रोल को जीएसटी में शामिल होने पर महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है. तब तक देश की जनता को संयम रखना होगा. सूत्रों के अनुसार यदि डीजल पेट्रोल जीएसटी के दायरे में आते है तो डीजल पेट्रोल के दाम करीब 30 प्रतिशत दाम कम हो सकते है. इसका असर अन्य वस्तुओं पर भी पड़ेगा और काफी चीजे सस्ती हो सकती है. इसी कारण देश डीजल पेट्रोल को जीएसटी में दायरे में आने का इंतजार कर रहा है.
– डिजिटल पेमेंट पर छूट को लेकर भी सहमति नहीं
डिजिटल पेमेंट पर 2% की छूट के प्रस्ताव पर भी सहमति नहीं बन पाई. मामला 5 सदस्यीय मंत्री समूह को सौंपने का फैसला हुआ है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ज्यादातर राज्य डिजिटल या फिर चेक से भुगतान करने पर 2% टैक्स छूट के समर्थन में हैं लेकिन कुछ राज्यों को छोटी-मोटी आपत्तियां हैं. डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वालों को टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव ग्राहक और दुकानदार दोनों के लिए है.
– सरकारी कंपनी बनेगी जीएसटीएन
जीएसटी नेटवर्क को पूरी तरह सरकारी कंपनी बनाने का भी फैसला हुआ है. इसके तहत 50% हिस्सा केंद्र के पास वहीं 50% संयुक्त रूप से राज्यों के पास रहेगा. फिलहाल केंद्र और राज्यों के पास 49% हिस्सा है. बाकी 51% हिस्सा निजी वित्तीय कंपनियों एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एनएसई स्ट्रेटजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास है.
– वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मुखातिक हुए जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जीएसटी काउंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता की. बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. किडनी इंफेक्शन की वजह से वित्त मंत्री जेटली को डॉक्टर्स ने ज्यादास लोगों के संपर्क में नहीं आने की सलाह दी है, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने बैठक की.