शहर में अभी तक डेंगू के करीब सात मामले प्रकाश में आ चुके हैं। वहीं मलेरिया के अब तक 47 मरीज शहर में मिल चुके हैं। मलेरिया विभाग के अनुसार वर्ष 2016-17 में चिकनगुनिया का पहला मामला आया था। शहर में करीब 300 मरीज इसके शिकार पाए गए थे। हालांकि इसके बाद से शहर में कोई मरीज सामने नहीं आया था। अब चिकनगुनिया की दस्तक ने खतरा और बढ़ा दिया है। यह रोग मनुष्य में एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसमें मरीज के शरीर में हड्डी के जोड़ों में 2 से 5 दिन तक तेज दर्द होता है। इसके बाद हल्का दर्द लंबे समय तक रहता है। मलेरिया विभाग का दावा है कि अभी तक करीब 13067 घरों में मलेरिया विभाग की टीम डेंगू का लार्वा नष्ट कर चुकी है। साथ ही गली-मोहल्लों के साथ अस्पताल, हॉस्टल और सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी लगातार दवा व फोगिंग करवाई जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज पाटीदार ने शहर के लोगों से अपील की है कि विभाग और प्रशासन अपनी तरफ से बचाव के पूरे प्रयास कर रहा है लेकिन सभी को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।