हमीरपुर विधानसभा उपचुनावः47.98 फीसद से अधिक पड़े वोट
-भाजपा समेत नौ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में लाक -एक बूथ पर सपा का चुनाव चिन्ह गायब होने पर कुछ देर तक रुकी वोटिंग
हमीरपुर (तेज समाचार डेस्क):हमीरपुर सदर विधानसभा के उपचुनाव के मतदान सोमवार को शाम शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो गये हैं। यहां भाजपा समेत नौ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला भी ईवीएम में लाक हो गया है। मतदान 47.98 फीसद हुआ।
पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल को सामूहिक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा होने के बाद हमीरपुर सदर विधानसभा सीट रिक्त होने पर यहां उपचुनाव कराये गये है। विधानसभा हमीरपुर के उपचुनाव में भाजपा से भाजपा के युवराज सिंह, बसपा से नौशाद अली, सपा से डा.मनोज कुमार प्रजापति, कांग्रेस से हरदीपक निषाद, सीपीआई से जमाल आलम, जन अधिकार पार्टी से राजाभइया, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से सुखपाल सिंह पाल, प्रगतिशील समाज पार्टी से सुरेश कुमार वर्मा व भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से हनुमान मिश्रा किस्मत आजमा रहे है।
सुबह से ही बारिश होने के कारण मतदान धीमा रहा लेकिन दोपहर बाद बारिश थमने के बाद मतदान में तेजी आ गयी। देर शाम तक विधानसभा क्षेत्र में 47.98 प्रतिशत तक मतदान हुआ। जो औसतन शांतिपूर्ण रहा। अपर जिलाधिकारी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने देर शाम बताया कि विधानसभा क्षेत्र में 48 प्रतिशत मतदान हुआ है। कुछ गांवों में मतदान का बहिष्कार चल रहा था जिसे प्रधान की मदद से सिकरोढ़ी सहित अन्य गांवों मेें मतदान कराया गया।
कुरारा और ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में दोपहर तक बारिश के कारण सन्नाटा पसरा रहा लेकिन बारिश रुकने के बाद मतदान केन्द्रों में लोट डालने के लिये लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। भौली गांव में बूथ-66, 67 में सुबह दस बजे तक कुल पांच वोट पड़े थे वहीं रघवा के प्राथमिक विद्यालय के बूथ-54 में बारह वोट पड़े। शाम इन मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की लम्बी लाइनें लग गयी। कुरारा कस्बा सहित ग्रामीण इलाकों में 61 मतदान केन्द्रों व 87 बूथ बनाये गये थे। बता दे कि यहां 407148 मतदाता है जिनमें 219798 पुरुष व 181340 महिला तथा 10 अन्य मतदाता है।
बूथ पर सपा का चुनाव चिन्ह गायब होने पर बदली गयी ईवीएम सुमेरपुर क्षेत्र के सिमनौड़ी गांव में एक बूथ पर सपा उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह ईवीएम से गायह होने पर अफरातफरी मच गयी। मतदान करने गये लोगों ने जब ईवीएम को देखा तो उसमें सपा का चुनाव चिन्ह गायब होने पर इसकी शिकायत पीठासीन अधिकारी से की। पीठासीन अधिकारी ने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जिसके बाद आननफानन ईवीएम बदली गयी। बूथों के अंदर अंधेरा होने के कारण मतदाताओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी। मतदान कर्मियों ने मोबाइल से लाइट जलाकर मतदान प्रक्रिया सम्पन्न करायी। इस तरह के कई स्थानों पर शिकायतें आयी है।
सात गांवों में मतदान का बहिष्कार, कर्मियों ने भी नहीं डाले वोट कुरारा ब्लाक के ककरऊ, करियापुर, खरेहटा, गुजरौरा, लहरा सहित छह गांवों में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। इन गांवों में किसी भी पार्टी के पोलिंग एजेंट भी नहीं बने। मतदान केन्द्र में सुबह से शाम तक पोलिंग पार्टियां सन्नाटे में बैठी रही। जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक प्रकाश व पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने ककरऊ गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समझाकर मतदान कराने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। कोई भी व्यक्ति मतदान करने बूथ नही पहुंचा। बेरी गांव से ककरऊ गांव होकर सहरा होते हुये कदौरा मार्ग जाता है। ये मार्ग गड्ढे में तब्दील है।
ग्रामीणों की मांग थी कि सड़क का निर्माण कराया जाये। ककरऊ गांव के बूथ-27 में 1152 मतदाता थे। दोपहर बाद गांव पहुंचे जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने स्कूलों की रसोइयों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वोट डलवाने का प्रयास किया लेकिन ये सभी कर्मचारी भी मौके से गायब हो गयी। किसी ने भी मतदान नहीं किया। शाम तक इन पांच गांवों में बने बूथों में कोई मतदान नहीं हुआ। हमीरपुर नगर के मेरापुर व भिलांवा में भी मतदान का बहिष्कार किया गया। भिलांवा में सोलह मत पड़े वहीं मेरापुर में सिर्फ एक वोट पडऩे के बाद मतदान का बहिष्कार शाम तक जारी रहा।
मौदहा क्षेत्र के चकदहा व रमना गांव में भी दोपहर तक मतदान बहिष्कार जारी रहा। अधिकारियों के समझाने के बाद मतदान शुरू हो सका। इधर क्षेत्र के सिकरौढ़ी तथा बेरी गांव के मजरा इन्दपुरी बिन्दपुरी में ग्रामीणों ने सड़क न होने की समस्या को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। दोपहर बाद एसडीएम सदर राजेश कुमार चौरसिया व सीओ अनुराग सिंह ने ग्राम प्रधान की मदद से मतदान शुरू कराया।
बारिश के कारण मतदान का ग्राफ गिरा विधानसभा के उपचुनाव में अबकी बार अधिकारियों ने दिनरात मेहनत कर मतदान का आंकड़ा सत्तर प्रतिशत पार कराने की कोशिश की लेकिन चौबीस घंटे तक हुयी बारिश और यमुना बेतवा नदियों की बाढ़ से मतदान का ग्राफ नीचे गिर गया है। इस बार मतदान करीब 48 प्रतिशत तक हुआ जबकि वर्ष 2014 के हमीरपुर विधानसभा के उपचुनाव में 51.44 फीसद मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तो मतदान 62 फीसद तक हुआ था।