बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने महामारी से बचाव के लिए निर्मित को वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए अंबाला के एक सरकारी अस्पताल में लगवाए थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सबसे पहले को वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए वॉलिंटियर बनने की पेशकश की थी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव आते ही वैक्सीन के दावे पर कई सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ जहां को- वैक्सीन को लेकर कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी की जा रही है। अब ऐसे में ट्रायल टीका के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री के पॉजिटिव आने की बात ने एक बार फिर लोगों के अंदर संदेह बढ़ा दी है।
वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के लिए दो बार खुराक लगाने की जरूरत पड़ती है जबकि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सिर्फ एक बार खुराक लगाया था। हो सकता है कि उसके साइड इफेक्ट की वजह से ऐसे परिणाम सामने आए हैं।
गौरतलब हो कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने उनके प्रति लेकर दवा कंपनियों का दौरा किया था। इस दौरान सिरम इंस्टीट्यूट, हैदराबाद में भारत बायोटेक की तैयारियों का भी जायजा लिया था। इसके बाद पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि स्वदेशी वैक्सीन हमसे बस कुछ कदम ही दूर है। जल्द ही इस के बारे में नई घोषणा की जा सकती है। अब ऐसे में हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एक बार फिर से को वैक्सीन सवालों के घेरे में आ गई है।