विभोर कुमार साहू ने बताया कि इससे यह फायदा होगा कि मरीजों को चिकित्सक के द्वारा लिखी गई दवा जेनेरिक फॉर्म में मेडिकल से उपलब्ध होगी, जोकि अपने ब्राण्ड मेडिसिन की तुलना में लगभग 100 से 200 प्रतिशत सस्ती होगी। सबसे ज्यादा कैंसर और गंभीर रोगियों के इलाज में लाखों रुपए की दवाओं को जेनेरिक दवाओं के रूप में सिर्फ हजारों रुपए में खरीदा जा सकता है| अधिवक्ता विभोर साहू ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी.इस मामले में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय, ड्रग्स कंट्रोलर स्टेट गवर्नमेंट व हेल्थ डिपार्टमेंट सहित आठ को पक्षकार बनाया गया है|