दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे कथित जासूस कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में पाक को झटका लगा है. भारत की दलीलों से सहमत होते हुए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने अंतिम फैसले तक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है. आईसीजे ने कहा कि भारत-पाकिस्तान वियना संधि के तहत प्रतिबद्ध है. कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को काउंसलर एक्सेस देना चाहिए और राजनयिक मदद मिलनी चाहिए. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को इस मामले में सुनवाई का अधिकार है.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए और आदेश नहीं मानने पर पाकिस्तान पर लगेगा प्रतिबंध कोर्ट ने कहा, संधि के तहत पाकिस्तान को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए और पाक का जासूस का दावा साबित नहीं होता है. इतना ही नहीं जाधव की गिरफ्तारी एक विवादित मुद्दा है. कोर्ट ने कहा कि दोनों देश मानते हैं कि कुलभूषण जाधव भारतीय है. जस्टिस रोनी अब्राहम ने कहा कि भारत ने तय समय सीमा पर जाधव की फांसी के लिए अपील नहीं की.
– पाकिस्तान की दलील
- भारत को कुलभूषण मामले को आईसीजे में लाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि विएना संधि जासूसों, आतंकवादियों तथा जासूसी से जुड़े लोगों पर लागू नहीं होती.
- कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत ने इस साल जनवरी में पाकिस्तान के उस संपर्क का कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें जाधव से संबंधित मामले की जांच के लिए उससे सहयोग मांगा गया था.
– भारत की दलील
- भारत के वकील साल्वे ने जाधव की गिरफ्तारी, उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने तथा मामले की सुनवाई से संबंधित तमाम कार्रवाई को विवेकशून्य तरीके से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर तथा विएना संधि का उल्लंघन करार दिया था.
- मनगढ़ंत आरोपों के संदर्भ में उन्हें अपना बचाव करने के लिए कानूनी सहायता मुहैया नहीं कराई गई.
- साल्वे ने अदालत से कहा कि 16 मार्च, 2016 को ईरान में जाधव का अपहरण किया गया और फिर पाकिस्तान लाकर कथित तौर पर भारतीय जासूस के तौर पर पेश किया गया और सैन्य हिरासत में एक दंडाधिकारी के समक्ष उनसे कबूलनामा लिया गया.
- जाधव से कोई संपर्क नहीं करने दिया गया और सुनवाई भी एकतफा की गई.
– पाकिस्तान आर्मी कोर्ट का फैसला
- पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने जाधव को ‘वन मैन डिमॉलिशन स्क्वॉड’ बताते हुए 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई.
- आरोप-पत्र में कुलभूषण पर लगाए गए आरोपों में उन्हें हॉलीवुड फिल्मों के कैरेक्टर ‘रैंबो’ की तरह पेश किया गया है, जो पाइपलाइनों में ब्लास्ट करता है, कैंपों में IEDs प्लांट करता है और तमाम तरह की विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देता है.
- ग्वादर, तुरबत में हुए हमलों को स्पॉन्सर करना. जिवानी बंदरगाह पर बोट और रेडार स्टेशन पर हमले.
- बलूचिस्तान में पाकिस्तानी युवकों को भड़काने के लिए अलगाववादी और आतंकी तत्वों की वित्तीय सहायता दी. बलूचिस्तान के सूई इलाके में गैस पाइपलाइनों में धमाके कराए.
- 2015 में क्वेटा में हुए धमाकों को स्पॉन्सर किया. इसमें जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा. क्वेटा के हजरास और शिया श्रद्धालुओं पर हमले भी कराए.
- 2014-15 तुरबत, पंजगुर, ग्वादर, पसनी और जिवानी में राज्य विरोधी तत्वों की मदद से हमले किए. कई सिविलियन और सैनिक मारे गए और घायल हुए.
– ईरान से किया गया था जाधव का अपहरण : भारत
वहीं भारत का कहना है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि ईरान से अगवा किया गया था.
– क्या है मामला
जाधव को 10 अप्रैल को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित तौर पर जासूसी करने तथा इस्लामाबाद के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोपों को लेकर मौत की सजा सुनाई है. वहीं भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर जाधव की मौत की सजा पर अमल किया गया है, तो वह इसे सुनियोजित हत्या करार देगा. भारत ने पाकिस्तान से जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने को लेकर 16 बार आग्रह किया, लेकिन हर बार उसने इनकार किया.
कौन है कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव मुंबई के रहने वाले हैं. कुलभूषण जाधव साल 1991 में नौसेना में अधिकारी के तौर पर कमीशन किए गए थे और 2013 में रिटायर हो गए. भारत सरकार के मुताबिक जाधव का कार्गो बिजनेस है और वो ईरान के चाबहार बंदरगाह से पाकिस्तान के कराची तक कार्गो लेकर आते थे.
18 साल पहले क्या हुआ था?
आइये आपको बताते है 18 साल पहले क्या हुआ था. दरअसल 10 अगस्त 1999 को इंडियन एयरफोर्स ने गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान नेवी के एक एयरक्राफ्ट एटलांटिक को मार गिराया था. इसमें सवार सभी 16 सैनिकों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान का दावा था कि एयरक्राफ्ट को उसके एयरस्पेस में मार गिराया गया. पाकिस्तान ने इस मामले में भारत से 6 करोड़ डॉलर मुआवजा मांगा था. लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट ने 21 जून 2000 को पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था.