बंदी का ताला तोड़कर सातपुड़ा के दुर्गम आदिवासी गांवो तक पहुचा प्रशासन
जामनेर ( नरेंद्र इंगले ): मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की भौगोलिक सिमा को रेखांकित करता सातपुड़ा पहाड़ प्रकृती का नायाब शालीमार है ! उत्तरी छोर मे मध्यप्रदेश का खरगोन और दक्षिण मे महाराष्ट्र का जलगांव जिला इसी सातपुड़ा की तलहटी मे बसा है ! जानकर कहते है कि सातपुड़ा मे सात टीले है जिसमे पावरा आदिवासियो के 20 से 30 घरो के छोटे छोटे करीब 40 से अधिक कस्बे है ! आज पुरी दुनिया कोरोना वायरस की दहशत मे है !
कोरोना पर कोई औषधी नही है इसलिए तालाबंदी हि कोरोना की दवा बन चुकी है ! 30 अप्रैल तक तालाबंदी को बढ़ाया गया है ताकि संक्रमण न फैल सके ! कोविड योद्धाओ के PPE को लेकर क्या इंतजाम है यह सब जानते है ! जंगलो के बीच सड़को के अभाव मे सातपुड़ा के दुर्गम आदिवासी कस्बो के आखिरी गांव अंबापानी तक पहुचने मे प्रशासन को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा ! किनगांव स्वास्थ केंद्र , वनविभाग और निरभ्र निर्भय फाउंडेशन के साझा प्रबंधन मे इन आदिवासी गांवो के नागरिको को राशन , फल , सब्जियां समेत जरूरी चीजो की खेप की आपूर्ती की गई !
डॉ मनीषा महाजन , मलोद ग्रामपंचायत की सरपंच हसीना तड़वी , वनविभाग के अधिकारी और कर्मीयो ने इस सामाजिक सहायता मे योगदान दिया ! किनगांव स्वास्थ केंद्र की प्रमुख डॉ महाजन ने गांवो के लोगो मे कोरोना वायरस को लेकर जनजागृती अभियान चलाया !
आदिवासी महिलाओ तथा बच्चो को रोगप्रतिरोधी टिके लगवाए गए ! इस काम मे भावना वारके , संगीता पाटिल , जीवन सोनावणे , कुर्बान तड़वी , यावल वनविभाग के सभी वनरक्षक , मास्टर पृथ्वीराज महाजन जो कि डॉ मनीषा का बेटा है उसने भी बढ़चढ़कर योगदान दिया ! बीते सप्ताह निरभ्र निर्भय की ओर से किन्नर समुदाय को इसी तरह की सहायता की गई है ! जामनेर मे आनंदयात्री कला संस्था की ओर से उपजिला अस्पताल के अधिकारियो को PPE कीटस प्रदान किए गए मौके पर डॉ अमोल सेठ , डॉ चंद्रशेखर पाटिल , सुहास चौधरी समेत डॉ विनय सोनावणे , डॉ आर के पाटिल आदि मौजूद रहे !
कई सामाजिक संगठन गरीबो की सहायता के लिए कामकाज कर रहे है ! कोरोना ग्राफ मे जलगांव जिला ऑरेंज झोन मे शामिल किया गया है ! तालाबंदी का अनुपालन भी ठीक ठीक किया जा रहा है ! सामाजिक अंतर की सजगता को लेकर जनजागरण की आवश्यकता है !