राजभाषा संवैधानिक ही नहीं नैतिक जिम्मेदारी भी है : देऊस्कर
पुणे (तेज समाचार डेस्क). मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, पुणे के सभा कक्ष में अधिकारियों और कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी में अधिकाधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मंडल रेल प्रबंधक मिलिन्द देऊस्कर द्वारा पुणे मंडल पर `राजभाषा सप्ताह` का शुभारंभ किया गया.
– राजभाषा का सम्मान हम सभी कर्तव्य
`इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक मिलिन्द देऊस्कर ने कहा कि संघ की राजभाषा का सम्मान करना तथा राजभाषा हिंदी में मूल रूप से अधिक से अधिक कार्य करना हम सभी की न केवल संवैधानिक बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है.
– ग्राहक संतुष्टि का भी माध्यम है हिन्दी
अपर मंडल रेल प्रबंधक एवं अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी प्रफुल्ल चंद्रा ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र के लिए उसकी अपनी राजभाषा का होना नितांत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाएं रेल परिचालन में ग्राहक संतुष्टि का भी सशक्त माध्यम हैं.
– विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
सप्ताह का प्रारंभ अधिकारियों के लिए `राजभाषा प्रश्न-मंच` के आयोजन से हुआ जिसमें रेलों, राजभाषा हिंदी तथा सामान्य जानकारी से संबंधित प्रश्न पूछे गए तथा सही उत्तर देने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया. इस दौरान कंप्यूटर पर हिंदी में अधिकाधिक डिक्टेशन देने के लिए वॉयस टाइपिंग का सफल प्रदर्शन भी किया गया जिससे की अधिकारी डिजिटल तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर अपने कार्यों में तेजी ला सकें.
– प्रतियोगिताओं का आयोजन
इस अवसर पर नवनियुक्त अपर मंडल रेल प्रबंधक सहर्ष बाजपेयी सहित मंडल के कई अधिकारी उपस्थित थे. सप्ताह के दौरान हिंदी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता तथा हिंदी निबंध प्रतियोगिता और हिंदी वाक् प्रतियोगिता के साथ ही `हिंदी को पंख : देश को उड़ान – डिजिटल इंडिया अभियान` विषय पर एक तकनीकी गोष्ठी भी आयोजित की जाएगी जिसमें हिंदी तथा भारतीय भाषाओं के कंप्यूटर पर विभिन्न डिजिटल अनुप्रयोगों के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी. `राजभाषा सप्ताह` के दौरान कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी में मूल रूप से अपना सरकारी कार्य करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मोटिवेशन और टेबल ट्रेनिंग जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. `राजभाषा सप्ताह` का समापन 14 सितंबर, 2019 को हिंदी दिवस के आयोजन के साथ संपन्न होगा.