लद्दाख (तेज समाचार डेस्क). गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है. इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर चर्चा हुई. विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए चीन जिम्मेदार है और यह कदम उसने सोच-समझकर उठाया था. इस बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रोें के हवाले से बताया कि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. गलवान में हालात जस के तस हैं. आने वाले दिनों में दोनों पक्षों में और बातचीत होगी.
– दोनों पक्ष समझौतों का सम्मान करें
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द सीमा पर तनाव खत्म करना चाहते हैं. दोनों पक्ष चाहते हैं कि मसले का हल न्याय संगत तरीके से निकाला जाए. चीन के विदेश मंत्री ने भारत से अपील की है कि विवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए और फ्रंट लाइन पर तैनात जवानों को नियंत्रण में रखे. एस. जयशंकर ने कहा कि सीमा पर इस घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा. वक्त की मांग यही है कि चीन अपने इस कदम का फिर से मूल्यांकन करे और कदम उठाए. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को हाई लेवल पर बनी सहमति को समझना चाहिए और उसे गंभीरता से लागू करना चाहिए. द्विपक्षीय समझौतों का दोनों ही पक्ष पालन करें. तय की गई लाइन ऑफ कंट्रोल का सम्मान करें और इसे बदलने के लिए कोई एक तरफा कार्रवाई ना करें.
– जवानो का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. देश की संप्रभुता सर्वोच्च है. देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं.
– शहादत को देश याद रखेगा : राजनाथ सिंह
झड़प के करीब 36 घंटे बाद पहली बार भारत की तरफ से पहला बयान जारी हुआ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने का कि गलवान में सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया. देश उनकी शहादत हमेशा याद रखेगा.