इंडोनेशिया विमान दुर्घटना : सिफ्र 3 मिनट बाद ही पायलट ने मांगी थी इमरजेंसी लेंडिंग की अनुमति
नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). सोमवार की सुबह इंडोनेशिया में लायन एयर का विमान टेक ऑफ के 13 मिनट बाद इंडोनेशिया के समुद्र में क्रैश हो गया था. विमान में सवार 189 लोगों में से किसी के भी जीवित होने की संभावना नहीं है. आशंका जताई जा रही है कि विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है. विमान को उड़ाने वाले पायलट भव्य सुनेजा मूल रूप से भारत के दिल्ली के रहनेवाले थे. उन्हें 6 हजार घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था. जकार्ता से पांगकल पिनांग जा रहे इस विमान के हादसे की वजहें अब धीरे धीरे सामने आ रही हैं. पता चला है कि सुनेजा ने उड़ान भरने के मात्र 3 मिनट बाद ही इमरजेन्सी लेंडिंग की अनुमति मांगी थी और यह अनुमति उन्हें दे भी दी गई थी, लेकिन तभी विमान का संपर्क टूट गया और हवाई जहाज क्रैश हो गया.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ये विमान पहले से ही तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा था. विमान के टेक्निकल लॉग के मिलने के बाद से पता चल रहा है कि विमान का एक उपकरण ऐसा था जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था और पायलट ने इस बात की जानकारी अपने साथी पायलट को भी दी थी. राहत एवं बचाव दल को कुछ शव, लोगों के सामान और बच्चों के जूते मिले हैं. विमान में सवार लोगों के परिजनों से कहा गया है कि वह अस्पताल जाकर शवों की पहचान कर लें.
– ऊंचाई पर भ्रमित कर रहे थे आंकड़े
विमान की पिछली उड़ान के टेक्निकल लॉग से पता चलता है कि कप्तान के पास मौजूद एयरस्पीडिंग उपकरण में खराबी थी. वहीं पायलट और कोपायलट के पास मौजूद विमान की ऊंचाई के उपकरण भी अलग अलग आंकड़े बता रहे थे. जिससे विमान कितनी ऊंचाई पर है, यह बात स्पष्ट नहीं हो पा रही थी. जिसके बाद चालक दल ने जकार्ता वापस जाने का फैसला लिया.
– विमान में थी तकनीकी समस्या
तकनीकी सुरक्षा की बात अब सामने आई है. लेकिन इस बारे में लायन एयरलाइंस के एग्जेक्यूटिव एडवर्ड सिराइट का कहना है कि विमान में तकनीकी समस्या थी, लोकिन इसकी जांच नहीं हो पाई है. सिराइट ने कहा कि ये समस्या बाली से जकार्ता की उड़ान के दौरान थी. हालांकि बाद में उन्होंने इसे सुलझा लिया था.
– एक घंटे में पहुंचना था पांगकल पिनांग
विमान को एक घंटे में पांगकल पिनांग पहुंचना था लेकिन 13 मिनट बाद कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया. अधिकारियों का ये भी कहना है कि पायलट ने जकार्ता वापस आने की बात कही थी. वहीं पायलट और कोपायलट के पास काफी अनुभव था. इनके अलावा विमान में चालक दल के तौर पर तीन ट्रेनी और एक टेक्निशियन भी थे. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि विमान में इंडोनेशिया के वित्त मंत्रालय के 20 कर्मचारी भी सवार थे.
– गति और ऊंचाई बेहद अस्थिर थीं
एविएशन सेफ्टी वेबसाइट का कहना है कि क्रैश विमान के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चला है कि विमान की गति और ऊंचाई बुरी तरह से अस्थिर थीं. विमान उड़ान भरने के बाद बायीं ओर 650 मीटर और फिर 450 मीटर नीचे आ गया. जिसके बाद विमान दोबारा ऊपर आया और लड़खड़ाने लगा. यह भी विचार करने वाली बात है कि अगर विमान में मौजूद सभी समस्याओं को खत्म कर लिया गया था तो पायलट ने वापस आने को क्यों कहा था. अब मुख्य तौर पर इसी बात की जांच की जा रही है.
– पायलट ने जकार्ता वापस लौटने की अनुमति मांगी थी
सोमवार की सुबह जकार्ता से 6.20 बजे (स्थानीय समय) विमान ने सुकर्णो-हट्टा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी. विमान को 7.20 बजे पांगकल पिनांग पहुंचना था. उड़ान भरने के महज 3 मिनट बाद यानी 6.23 पर विमान के पायलट भव्य सुनेजा ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से वापस जकार्ता लौटने के लिए अनुमति मांगी. उन्हें वापस लौटने की मंजूरी भी मिल गई थी. लेकिन इसके ठीक 10 मिनट बाद यानी 6.33 बजे विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया. उस वक्त विमान की ऊंचाई 1580 मीटर थी. इसी दौरान विमान जावा समुद्र में 35 मीटर गहरे पानी में गिर गया. यह विमान बोइंग का 737 मैक्स-8 मॉडल था जिसका कमर्शियल इस्तेमाल 2010 से होना शुरू हुआ. एयरलाइंस का कहना है कि विमान इसी साल बनाया गया था और 15 अगस्त से उड़ान भरनी शुरू की थी. इस विमान में अधिकतम 210 यात्री सवार हो सकते थे और इसे छोटी दूरी की उड़ान के लिए बनाया गया था.