कोटा (तेज समाचार डेस्क). देश के 70वें गणतंत्र दिवस पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए आईआरएस डॉ. सहीराम मीणा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. डॉ. सहीराम मीणा को रविवार को कोर्ट में पेश करने पर कोर्ट ने मीणा को एक दिन के रिमांड पर भेज दिया. डॉ. सहीराम मीणा कोटा जोन में नारकोटिक्स ब्यूरो के एडिशनल कमिश्नर है. ट्रेप के बाद एसीबी ने कोटा स्थित सरकारी आवास से 3.95 लाख रुपए नकद बरामद किए थे. इसके बाद देर रात डॉ. सहीराम के जयपुर में जगतपुरा स्थित शंकर विहार में निजी आवास पर रविवार देर रात तक सर्च की गई. एसीबी के मुताबिक सर्च कार्रवाई में मीणा के घर से करीब 106 भूखंडों के दस्तावेज मिले. ये सभी उनकी पत्नी, बेटे व खुद के नाम से बताए जा रहे है.
– सोमवार को खोले जाएंगे 15 बैंक खाते व लॉकर्स
एसीबी के स्पेशल ऑपरेशन के बाद डीजी एसीबी आलोक त्रिपाठी ने रविवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस की. जिसमें बताया कि एसीबी की सर्च कार्रवाई के दौरान सामने आया कि जयपुर में 106 भूखंडों के दस्तावेजों के अलावा जयपुर में 26 दुकानें, एक पेट्रोल पंप, वाटिका जयपुर में स्थित प्रेम पैराडाइज मैरिज गार्डन, सांगानेर में 5 बीघा कृषि भूमि, जयपुर में एक पेट्रोल पंप व सीतापुरा इंडस्ट्रीयल एरिया में इंडस्ट्रियल जमीन के दस्तावेज मिले है. इसके अलावा आरोपी अफसर के मुंबई में एक और दिल्ली में 2 आलीशान लोकेशन पर फ्लैट है. इनमें आरोपी के मुंबई स्थित फ्लैट का किराया 80 हजार रुपये महीना बताया जा रहा है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन, 4 मंहगी कार, 4 बड़े चक्के वाले ट्रक, 6 लाख 26 हजार के आभूषण और 2 करोड़ 26 लाख 98 हज़ार 800 रुपये भी एसीबी ने बरामद किए है. इनके करीब 15 बैंक खाते और बैंक लॉकर्स है. जिन्हें सोमवार को खोला जाएगा.
– 100 करोड़ के पार जा सकता है बेनामी संपत्ति का आंकड़ा
एसीबी अधिकारियों का मानना है कि आईआरएस की बेनामी संपत्ति का आंकड़ा बड़ा निकलेगा. करीब 100 करोड़ के पार पहुंच सकता है. इससे आय से अधिक संपत्ति के केस भी जुड़ सकता है. गौरतलब है कि डीजी आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में एसीबी मुख्यालय ने स्पेशल ऑपरेशन कर नारकोटिक्स ब्यूरो, कोटा जोन के एडिशनल कमिश्नर डॉ. सहीराम मीणा को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था. साथ ही, उन्हें 1 लाख रुपए की रिश्वत देने वाले कमलेश धाकड़ को भी गिरफ्तार किया था.
राजस्थान एसीबी मुख्यालय पर एक सूचना मिली थी कि अफीम लाइसेंस धारियों से नारकोटिक्स विभाग कोटा के अधिकारियों द्वारा अफीम पट्टा संबंधी ग्राम मुखिया के मार्फत अफीम पट्टे और मुखिया की नियुक्ति के संबंध में अवैध रिश्वत राशि भारी मात्रा में प्राप्त की जा रही है. इस दौरान एसीबी टीम ने कमलेश धाकड़ का मोबाइल सर्विलांस पर लिया. जिसमें पता चला कि कमलेश से उसके पिता नंदलाल को मुखे बनाने की एवज में आईआरएस हीरा मीणा द्वारा रिश्वत की मांग की गई है.
– गणतंत्र दिवस पर रंगे हाथों पकड़ा गया
इस पर 26 जनवरी की सुबह 10 बजे कमलेश रिश्वत की राशि 1 लाख रुपए लेकर अधिकारी के कोटा स्थित आवास पर पहुंचा. जहां ईशारा मिलते ही एसीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील की टीम ने डॉ. सहीराम और कमलेश धाकड़ को धरदबोचा. वहीं, कोर्ट में पेशी के वक्त सहीराम का कहना था कि वे बेकसूर है. उन्हें साजिश में फंसाया जा रहा है. यह संपत्ति उनकी नहीं है. वे जल्द बेदाग होकर बाहर आएंगे.