जलगांव (तेजसमाचार प्रतिनिधि )– जैन इरिगेशन के ‘रिसोर्स टु रुट’ इस संकल्पना पर आधारित विविध परियोजनाएँ विश्वभर में कंपनी ने पूर्ण की है। टपक सिंचाई के क्षेत्र में विश्वभर लौकिक प्राप्त जैन इरिगेशन सिस्ट्म्स लि. को सिंगातालूर उद्वहन योजना के अंतर्गत 584 करोड़ का कंत्राट मिला है। जिससे अवर्षणप्रवण तीन जिलों में 31 हजार 547 एकड़ क्षेत्र सिंचित होगा और 10 हजार किसानों को उसका लाभ होगा।
जैन इरिगेशन के ‘रिसोर्स टू रूट’ इस संकल्पना पर आधारीत और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) ‘हर खेत को पानी’ तथा ‘पानी बूँद-बूँद, फसल भरपूर’ इस तत्व पर सिंगातालूर उद्वहन योजना अंतर्गत कर्नाटक निरावरी निगम लिमिटेड एवं कर्नाटक के जलसंसाधन विभाग की ओऱ से यह कंत्राट कंपनी को राष्ट्रीय स्पर्धात्मक टेंडर द्वारा प्राप्त हुआ है। इस योजना में परिसर के बेल्लारी, गडाग एवं कोप्पल जिले के कुछ तहसील का समावेश है। हुविनाहाडागली,गडाग, मुंदरगी, कोप्पल, येलबुर्गा तहसील के अवर्षणप्रवणग्रस्त क्षेत्र की जमीन को सिंचित करना संभव होगा। सूक्ष्मसिंचाई प्रणाली के कारण 31 हजार 547 एकड़ (12 हजार767 हैक्टेयर) जमीन सिंचित होगी। इससे मुंदरगी शाखा कालवा अंतर्गत 31 गांव के 10 हजार किसानों को लाभ होगा। जैन इरिगेशन को टर्नकी तत्त्व पर इस परियोजना का ऑर्डर प्राप्त हुआ है और इसे साकार करना तथा इसके देखभाल की जिम्मेदारी कंपनी को कंत्राट के अनुसार पाच वर्ष तक रहेगी।
सिंगातालूर उद्वहन सिंचन योजना अंतर्गत मुंदरगी शाखा नहर से पानी लिया जाएगा और सुक्ष्मसिंचाई प्रणाली से लेकर किसानो की खेती तक पहुँचाया जाएगा। इस परियोजना द्वारा ‘रिसोर्स टु रुट’ यह कंपनी की संकल्पना प्रत्यक्षरुप से कार्यान्वित की जाएगी। इसके कारण पानी की बहुत बड़ी मात्रा में बचत होकर पानी का कार्यक्षमरूप से उपयोग करना संभव होगा। सिंचाई के लिए पम्प हाऊस तथा पानी की टंकिया साकार की जाएगी। इस एकात्मिक प्रकल्प के लिए दाबयुक्त पाईप का जाल साकार किया जाएगा। जिसमें एमएस, एचडीपीई, पीवीसी पाईप का उपयोग किया जाएगा। इस परियाजना के कारण कमांड क्षेत्र के पाइप का संजाल और सूक्ष्मसिंचाई प्रणाली साकर करके पानी के उपयोग की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।