जिलाधिकारी के कुप्रबंधन के कारण जलगांव की स्थिती नाज़ुक : अब तक 700 संक्रमित और 90 मौते
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): 24 मार्च से लेकर 31 मई तक कि तालाबंदी का नतीजा जीरो रहा ! केरल , पंजाब को कोविड 19 की रोकथाम के लिए दुनिया ने रोल मॉडल माना ! मुंबई के हालात पहले से काफी बेहतर है , मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार जनता से संवाद कर रहे है ! इम्युनिटी पावर कोविड की दवा बन चुका है जिसके चलते मरीजो का रिकवरी रेट बेस्ट है ! ग्रामीण महाराष्ट्र मे प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण जलगांव जिला हॉट स्पॉट बन गया है ! कोरोना के कारण सबसे अधिक मौते जलगांव जिले मे हुई है !
अमलनेर का पहला केस आने के बाद जलगांव , पाचोरा , भडग़ांव , भुसावल , जामनेर समेत अन्य जगहो पर कोरोना संक्रमितो आंकड़ा 700 पार हो गया है , 90 से अधिक मौते हो चुकी है कुछ दिनो मे शतक पुरा हो जाएगा ! मेडिकल इमरजेंसी के पहले दूसरे चरण मे जिला प्रशासन ने स्वास्थ प्रबंधन पर ध्यान देने के बजाय धारा 144 के अनुपालन के लिए पुलिस के लठ पर अधिक भरोसा किया ! जिलाधिकारी डॉ अविनाश ढाकने ने तालाबंदी फेज 3 , 4 मे मार्केट , सार्वजनिक अस्थापना से जुड़े सरकारी आदेशो पर मुहर लगाना या फिर उनमे खुद के अधिकार मे फेरबदल करना इतना हि उचित समझा ! कोई ठोस नीतिगत कदम उठाया नही गया , संक्रमण को रोकने और आपदा के उन्मूलन के लिए कई उदाहरण थे रोल मॉडल थे जिनको स्वीकार किया जा सकता था या कोई नया मॉडल विकसित किया जा सकता था ऐसा कुछ भी नही किया गया सिर्फ पेपर वर्क हुआ ! जिले की गांव कसबो की वर्तमान प्राथमिक स्वास्थ व्यवस्था पर किसी को पी एच डी करनी है तो संकटमोचक नेताजी के तहसिल से हि आरंभ कर सकते है !
जिलाधिकारी और उनके अधीन सभी स्थानीय प्रशासन जैसे कि राजस्व , जिला परिषद , नगर परिषद तथा अन्य इकाइया इनके बीच शुरू से कोई आपसी तालमेल नही है ! बस कलेक्टरेट की ओर से हर नए दिन भीड़ नियंत्रण को लेकर कोई नया आदेश जारी कर दिया जाता है ! दो महीने बीत चुके है जिला प्रशासन का यही खेल चल रहा है ! 1 जून को जामनेर के सरकारी अस्पताल मे स्वैब देने आया संदिग्ध तीन घंटो तक धुप मे तपता रहा फिर उसे 108 से जलगांव ले जाया गया ! जो इलाके कंटेनमेंट झोन बन चुके है वहा न तो टेस्ट के पुख्ता इंतजाम किए गए है और न हि प्रशासन का जनता से कोई सुसंवाद है ! यह स्थिती जिले के सभी शहरो और तहसीलो मे लगभग एक जैसी है ! आम लोग देह से दूरी , साफसफाई इन बातो का ध्यान रख रहे है ! सीएम उद्धव ठाकरे ने बिगिन अगेन कहकर राज्य की जनता का साहस बढ़ाने का जो प्रयास किया है उसे जलगांव मे प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण कोविड गेन पैनिक अगेन कहना शायद उचीत होगा ! विपक्षी भाजपा समाजसेवा के महान इवेंट मे अपनी ताकत इनवेस्ट करने मे लगा है जब कि उन्हे जिला प्रशासन के इस कोताही पर राज्य सरकार से झगड़ना चाहिए था यह भी तो समाजसेवा हि है ! इस पुरे मामले मे राज्य सरकार द्वारा तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है !