जामनेर (तेज समाचार डेस्क). महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में राज्य सरकार द्वारा सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद अब केंद्रीय अकाल समीक्षा की टीम सूखे का जायजा ले रही है. इस टीम की किसानो के प्रति संवेदनाएं इतनी प्रभावी है कि कईं गांवों में टीम के सदस्य रात के अंधेरे में भी अपना दायित्व निभा रहे है. जलगांव जिले के लगभग सभी तहसीलों में जाकर टीम में शामिल आर. डी. देशपांडे, छबि झा, ए. के. तिवारी, शालिनी सक्सेना ने सूखे का जायजा लिया है. सूबे के जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन पहुंचे केंद्रीय पथक ने पिंपलगांव गोलाईत गांव में सूखे की समीक्षा वाली औपचारिकता को निभाया है.
– सरकार का निकल चुका है दीवाला : गरुड
इस दौरे को लेकर जामनेर तहसील से NCP नेता तथा पार्टी प्रदेश सदस्य संजय गरुड ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली से लेकर गली तक भाजपा की सरकार है. सूखाग्रस्तों को तत्काल राहत देने की बजाय केंद्र और राज्य सरकारों के समीक्षा दस्ते सूखे का जायजा ले रहे हैं. जिसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है. यह जनता से की जा रही मसखरी है. असल मे राज्य सरकार की तिजोरी खाली है. सरकार का दीवाला निकल चुका है. मंदिरों के दानपात्रों से सरकार को पैसा उठाना पड रहा है. अकाल स्थिति में मवेशियों की चारा छावनियों को लेकर सरकार के मंत्री राम शिंदे के उस ताजा बयान की हम कडी निंदा करते है, जिसमें उन्होंने किसानों से कहा कि चारा छावनियां नही लगेगी. आप अपने मवेशी रिश्तेदारों को सौंंप दे. वहीं दूसरी ओर सूबे के मंत्री गिरीश महाजन के मंत्रालय में 14 हजार करोड़ रुपया शेष है. उसका विनियोग नहीं किया जा रहा है. जब कि निलवंडे डैम के निर्माण के लिए शिर्डी संस्थान से सरकार द्वारा 500 करोड रुपया उधार लिया गया है. कुल मिलाकर अकाल स्थिति पर दीवालिया सरकार बस टाइमपास करना चाहती है.