जामनेर (नरेंद्र इंगले):जामनेर शहर के पुराने मुस्लिम बहुल इलाके से सटे आदीवासी बस्ती मे 3 अक्तूबर को हुए एक शख्स के देहावसान के बाद जब परीजन मृतक का शव पारंपारीक मान्यताओ के अनूसार दफनाने के लिए कब्रस्तान पहुचे तब कुछ तत्वो ने शव को दफ़नाने को लेकर हि विरोध किया . इस घोर विरोध के पश्चात परीजनो ने पुलिस मे शिकायत कि . शिकायत कर्ता अभिमान फूलसिंग भील कि तहरीर मे कहा गया कि 3 अक्तूबर को उनके रीश्तेदार देवीदास भील का आकस्मात निधन हो गया जिसके बाद आदीवासियो कि पारंपारीक मान्यताओ के अनूसार मृतक के शव को दफ़नाने के लिए मुंमादेवी मंदीर परीपेक्ष के कब्रस्तान मे लाया गया .
शव को रीतीरिवाजो के साथ दफ़नाने के लिए सभी मान्यताओ का निर्वहन किया जा चुका था यहि नहि गड्ढा भी खोदा जा चूका था कि अचानक वहा पहुचे आसिफ़ इस्माईल और शेख रमजान शेख रशीद ने दफ़न समारोह मे यह कहकर अडंगा लाया कि मृतक का शव इस कब्रस्तान मे दफ़नाया नहि जा सकता . आप सब लोग शव को लेकर कब्रस्तान से बाहर निकल जाओ . इसी दौरान दोनो अभियुक्तो ने मृतक के परीजनो के प्रती जातीसुचक शब्दो का ओछा प्रयोग भी किया . अभिमान के इस बयान पर पुलिस ने दोनो अभियुक्तो आसिफ़ इस्माईल और शेख रमजान शेख रशीद के खिलाफ़ अनू जाती – अनू जनजाती अन्याय निरोधी कानून 1989 कि धारा 3 (1) , (थ) , (द), (भ) तथा आईपीसी धारा 297 तहत मामला दर्ज करवा लिया है . सुत्रो के मुताबीक बाद मे मृतक के अंतिम संस्कार कि औपचारीकता के विषय मे कोई जानकारी नहि मिल सकि है . मामले कि जांच उपविभागीय पुलिस अधिकारी केशव पातोंड कर रहे है . विदीत हो कि जामनेर के मुंमादेवी मंदीर के निकट पुराना कब्रस्तान है जहा पर कयी सालो से अपनी अपनी धार्मिक मान्यताओ के अनूसार मृतको को विधीवत तरीके से सम्मानपूर्वक दफ़नाया जाता रहा है .
आज अचानक किसी आदीवासी व्यक्ति के शव को दफ़नाने को लेकर कथीतो द्वारा किए गए मुखर विरोध से मानवता शर्मसार हुयी है . इससे पहले शायद हि इस तरह का वाकया कभी सुनने मे आया होगा . बहरहाल इस मामले मे पुलिस व्यापक जांच मे जुटी है . और प्रकरण अब पुरी तरह से कानूनी दायरे मे बना हुआ है . अभियुक्तो कि गिरफ्तारीयो के बारे मे कुछ खास जानकारी प्राप्त नहि हो सकि है .