BHR का जामनेर कनेक्शन : हजारो करोड़ का मालिक कौन ?
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): इनकम से अधिक संपत्ती के कई मामले भारत मे सामने आ चुके है जिसमे अधिकतर राजनेताओं को दोषी पाया गया है ! BHR मल्टीस्टेट को आप क्रेडिट सोसायटी के दिवालिया निकलने का मामला भी इसी तरह का है ! यहा संचालको ने निवेशको का करीब 1100 करोड़ रुपया हजम किया और बैंक पर आए इस आपदा को नेताओ ने अपनी संपत्ती बनाने का अवसर बना लिया ! फडणवीस सरकार के कार्यकाल मे BHR का घपला सामने आया पुलिस मे केस फाइल किए गए चेयरमैन समेत संचालको की गिरफ़्तारी हुई ! बैंक को दिवालिया घोषित कर उसके ऊपर प्रशासक बिठाया गया संस्था की सभी प्रोपर्टीज कुर्क की गई जिसके बाद असली खेल शुरू हुआ !
प्रशासक जितेंद्र कण्डारे की मिलीभगत से नेताओ ने बैंक की करोड़ो रुपयो की अचल संपत्ती ( जमीने ) कौड़ियो के दाम अपने सेवको के नाम पर खरीद ली ! इस संघटीत लूट को कानून के प्रावधानों का पालन करते हुए सत्ता के प्रभाव मे अंजाम दिया गया ! जिन निवेशको की जमापूंजी से बैंक ने अपना साम्राज्य खड़ा किया था उसे नेताओ ने अपनी उस पावर के बलबूते हड़प लिया जो उन्हे आम जनता के वोट से प्राप्त हुई थी ! लोकतंत्र मे सरकारे आती जाती रहती है ठीक वैसे घोटाले भी आंकड़ो की शक़्ल मे नई मिसाले बनाते रहते है ! BHR का मामला इस लिए अनूठा है क्यो की इसमे पहले निवेशको के पैसो की चोरी हुई फिर इस रकम पर जनसेवको द्वारा डाका डाला गया है ! इस वारदात मे जिनकी जिंदगीभर की पूंजी खुलेआम लूट ली गई उस आम आदमी की कोई सुनवाई नही है !
धन्नासेठो ने अपना पैसा बनाकर बैंक डूबा दिया और सत्ता के पुजारियो ने इसे लूट लिया ! तत्कालीन सरकार मे मंत्री रहा कोई व्यक्ति बैंक की निलामी को मैनेज करते हुए अपने सेवको के नाम पर हजारो करोड़ की संपत्ती को औने पौने दाम मे खरीद लेता है ! दिल्ली से जारी जांच के आदेशो को भी प्रभावित किया जाता है ! राज्य मे फडणवीस की सत्ता जाने के बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने इस मामले को लेकर जांच को आरंभ कर दिया है ! पुणे आर्थिक अपराध शाखा की विशेष टीम द्वारा की गई ताबड़तोड़ छापामारी के बाद विवेक ठाकरे , धरम सांखला , महावीर जैन , सुजीत वाणी को गिरफ्तार किया गया कोर्ट ने सभी अभियुक्तो को 9 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है ! मामले मे जमनेर के पूर्व नगराध्यक्ष पारस लालवानी को जांच के लिए बुलाया गया था ! इस पूरे कांड मे मुख्य अभियुक्त सुनील झंवर तथा प्रशासक जितेंद्र कण्डारे फरार है ! सूत्रो के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार यह दोनो दिल्ली या मध्य प्रदेश मे हो सकते है !
सुनील झंवर ने अपने तथा परिजनो के नाम बैंक की जो संपत्ती खरीदी है आखिर उस प्रोपर्टी का पावर ऑफ अटोर्नी किस नेता के नाम से रजिस्टर किया गया है इस सवाल जवाब सुनील की गिरफ्तारी के बाद हि मिलेगा ! लोकल मीडिया और राजनीतिक जानकारो के मुताबिक सुनील के जामनेर कनेक्शन पर सिधे बात की जा रही है ! स्पेशल पुलिस टीम सुनील और कण्डारे कि खोज मे अलग अलग राज्यो की ओर निकल चुकी है !