जामनेर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):तहसिल क्षेत्र के राजनिती का केंद्र रहि जामनेर तालुका एजुकेशन सोसायटी के बहुचर्चीत चुनावी मीटिंग मे पारस ललवाणी को बहुमत से अध्यक्ष चुना गया है . वहि सचिव पद के लिए नियुक्ती को तकनिकि वजहो के चलते स्थगीत रखा गया . सुत्रो के मुताबीक सुरेश जैन फ़ार्मसी कालेज के सभागार मे इन कैमरा संपन्न मीटिंग मे सभी करीब 481 सभासदो मे से 371 सदस्यो ने पारस ललवाणी को नए अध्यक्ष के रुप मे चुना है वहि नूतन कार्यकारनी मे सुरेश धारीवाल , रमेशचंद्र मंडलेचा , प्रदीप लोढा , डा सचिन बसेर , ललित भुरट , पवन राका , रुपेश चिप्पड , लक्ष्मण माली , माधव चव्हान , अनुज धारीवाल , राजेंद्र पाटील , कैलास पाटील , प्रेमचंद भंडारी , शंकर राजपुत इन्हे बतौर संचालक चुना गया . बैठक के बाद संजय गरुड , डी के पाटील इन नेताओ के उपस्थिती मे पैनल प्रमुख तथा नुतन अध्यक्ष पारस ललवाणी तथा समर्थको ने जीत का जश्न मनाया .
मंत्री निवास पर दुसरी सुची घोषित
पारस के अध्यक्ष बनते हि प्रतिस्पर्धी पैनल प्रमुख तथा संस्था के पूर्व अध्यक्ष आबाजी नाना पाटील कि अगुवायी मे मंत्री गिरीश महाजन के निवास पर तत्काल पत्रकार परीषद का आयोजन किया गया . जिसमे भाजपा तहसिल अध्यक्ष चंद्रकांत बाविस्कर ने घोषित कि गयी दुसरी संचालक मंडल कि सुची पत्रकारो को सौंपी . शिवाजी सोनार ने बताया कि संस्था इकायी मे कुल 94 वोट थे जिसमे 14 वोटर्स मृत है . 80 मे से 60 वोटर्स कि उपस्थिती मे फ़ार्मसी कालेज मे हि मीटिंग कि गयी और नयी कार्यकारनी बनायी गयी . जिसमे जितेंद्र बी पाटील अध्यक्ष तथा विरेंद्र शहा , जे के चव्हान , छगन झालटे , शिवाजी सोनार , आनंदा बोरसे , विजय पाटील , जितेंद्र पाटील , निलकंठ पाटील , सुरेशचंद्र शर्मा , महेंद्र नवलखा , मधुकर शिंदे , दीलिप महाजन , अरुण पाटील , चंद्रकांत देशमुख इन्हे संचालक बनाया गया है . इस सुची प्रकाशन के बाद भाजपा पदाधिकारीयो ने पटाखो कि आतषबाजी भी कर डाली . वहि पारस गुट के नवनिर्वाचितो ने इसे शैडो मंत्रीमंडल करार देकर अधिक टिप्पनी करने से इनकार कर दिया . वैसे भी मंत्री निवास पर पत्रकारो को प्रदान कि गयी प्रेस रीलिज लेटर पर पूर्व अध्यक्ष आबाजी नाना पाटील के दस्तखत तो है लेकिन औट वर्ड नंबर नहि है . मीटिंग कि जगह फ़ार्मसी कालेज बतायी गयी है पर विरोधीयो के मुताबीक फ़ार्मसी मे ऐसी अन्य कोई बैठक हुयी हि नहि थी .
बहरहाल कानूनविदो कि राय के अनुसार बहुमत से संपन्न मीटिंग मे ललवाणी तथा संचालको का किया गया मनोनन आधिकारीक माना जा रहा है . मंत्रीजी के निवास पर हुयी दुसरे कार्यकारनी कि घोषणा के बाद राजनितीक माहौल अवश्य गरमा गया है . जानकार तो यहा तक कह रहे है कि अब यह विवाद फीर से हायकोर्ट तक घसिटा जाना तय है . जब कि पारस गुट कि ओर से संस्था मे चल रहे विवादो को कयी बार न्यायमंदीर मे सुलझाने कि सफ़ल कोशीशे कि जा चुकि है .